उत्तर प्रदेश सरकार ने शहीदों और कानून-व्यवस्था बिगड़ने वालो में कोई फर्क नज़र नहीं आ रहा है। डीएसपी जियाउल हक की पत्नी को जो सरकार ने मुआबजा दिया नोकरी का वादा किया वह सब सही है, पर प्रधान और उसके भाई के परिवार वालो को जो मुआबजा दिया गया है उसका अर्थ समझ में नही आ रहा है, सरकार ने जो पेस दिया वह किस का रूपया था जनता का उसको इस तरह किसी को भी दे देना क्या उचित है प्रधान और उसका भाई दुकानों पर कब्जे को लेकर चली आरही रंजिश के शिकार हुए थे न हीं किसी युद्ध के मैदान में । सोलाह दिसम्बर की घटना के बाद ये कहा की जिस के साथ बलात्कार जेसी घटना होती है उत्तर प्रदेश सरकार उसको नोकरी देगी , अब सरकार को ये भी घोषणा करनी चाहिए की एक दुसरे को मरो मरने वाले को परिवार को बीस बीस लाख रुपये मिलेगे और ज्यदा बेहतर ये होगा की मारें वाले के परिवार को कुछ न सही पञ्च लाख तो मिलने चाहिए क्यों की उस के परिवार का व्यक्ति भी तो जेल जाये ग तो उस के परिवार का लालन पालन कोण करेगा । नन्हे प्रधान और सुरेन्द्र के परिवार वालो को क्या इस लिए ये रूपया दिया गया की वह समाजवादी पार्टी के कार्यकर्त्ता थे या रजा भईया के खास थे । जिस प्रकार सरकार दिखावे के लिए राज्य सरकार जनता के पेसे को बर्वाद कर रही है इस पर सरकार से किसी मिडिया वाले ने नहीं पूछा की क्यों दिया गया प्रधान के परिवार बालो को ये पैसा । सरकार अपने वोट बैंक को बदने के लिए सरकार खजाने को दिखावे के लिए खली करती जा रही है चाहे वह लेपटोप बाँटना हो , बेरोजगारी भत्ता बतना हो , कन्याओ को तीस हज़ार के चेक बटने हो जहा जहा यह कार्यकर्म का आयोजन किया गया उस के लिए पेस कहा से आया वह भी जनता का था केवल और केवल दिखावा करने के लिए सरकार ने करोडो रूपए पानी में वह दिए और अगर विकास की बात करे तो सरकार कहती है की केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को पैसा नहीं देती है ।
Tuesday, 12 March 2013
यू पी सरकार ने क्यों दिए बीस बीस लाख रुपये ।
उत्तर प्रदेश सरकार ने शहीदों और कानून-व्यवस्था बिगड़ने वालो में कोई फर्क नज़र नहीं आ रहा है। डीएसपी जियाउल हक की पत्नी को जो सरकार ने मुआबजा दिया नोकरी का वादा किया वह सब सही है, पर प्रधान और उसके भाई के परिवार वालो को जो मुआबजा दिया गया है उसका अर्थ समझ में नही आ रहा है, सरकार ने जो पेस दिया वह किस का रूपया था जनता का उसको इस तरह किसी को भी दे देना क्या उचित है प्रधान और उसका भाई दुकानों पर कब्जे को लेकर चली आरही रंजिश के शिकार हुए थे न हीं किसी युद्ध के मैदान में । सोलाह दिसम्बर की घटना के बाद ये कहा की जिस के साथ बलात्कार जेसी घटना होती है उत्तर प्रदेश सरकार उसको नोकरी देगी , अब सरकार को ये भी घोषणा करनी चाहिए की एक दुसरे को मरो मरने वाले को परिवार को बीस बीस लाख रुपये मिलेगे और ज्यदा बेहतर ये होगा की मारें वाले के परिवार को कुछ न सही पञ्च लाख तो मिलने चाहिए क्यों की उस के परिवार का व्यक्ति भी तो जेल जाये ग तो उस के परिवार का लालन पालन कोण करेगा । नन्हे प्रधान और सुरेन्द्र के परिवार वालो को क्या इस लिए ये रूपया दिया गया की वह समाजवादी पार्टी के कार्यकर्त्ता थे या रजा भईया के खास थे । जिस प्रकार सरकार दिखावे के लिए राज्य सरकार जनता के पेसे को बर्वाद कर रही है इस पर सरकार से किसी मिडिया वाले ने नहीं पूछा की क्यों दिया गया प्रधान के परिवार बालो को ये पैसा । सरकार अपने वोट बैंक को बदने के लिए सरकार खजाने को दिखावे के लिए खली करती जा रही है चाहे वह लेपटोप बाँटना हो , बेरोजगारी भत्ता बतना हो , कन्याओ को तीस हज़ार के चेक बटने हो जहा जहा यह कार्यकर्म का आयोजन किया गया उस के लिए पेस कहा से आया वह भी जनता का था केवल और केवल दिखावा करने के लिए सरकार ने करोडो रूपए पानी में वह दिए और अगर विकास की बात करे तो सरकार कहती है की केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को पैसा नहीं देती है ।
Tuesday, 5 March 2013
उत्तर भारतीयों से सवाल
एक बार फिर से उत्तर भारतीयों पर राज
 ठाकरे की पार्टी एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने सतारा में सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए आए बच्चों और उनके पैरंट्स के
 साथ मारपीट की है।
इस शर्मशार हरकत के बाद में उन उत्तर भारतीयों से ये सवाल पूछता हु जो लोग उत्तर भारत में शिव सेना और एमएनएस पार्टी का झंडा ऊचा करते है।
क्या उन्हें ये हरकत देखकर शर्म नहीं आती की उनके भाइयो और बच्चो के साथ ये लोग के सुलूग करते है महाराष्ट्र में क्या बस राजनीति की रोटिया सीखनी है इन लोगो को
ये देश हम सब का है भारत देश में रहने वाला हर कोई सब से पहले भारतीय है बाद में किसी राज्य का है तो राज ठाकरे जेसे लोग ये देश को क्यों तोड़ने पर लगे है
दूसरी बात ये की क्या डर है कानून को जो इन पर शिकंजा नहीं कसती है और क्यों उत्तर भारत के लोग इन का साथ देते है क्या इन को ये लगता है की हम इन के साथ है तो ये लोग हमें कुछ नहीं कहेगे इन सब को तब पता चलेगा जब किसी दिन ये लोग महाराष्ट्र में पिटते नज़र आयेगे । इन सब से क्या सिद्ध करना चाहते है ये सब
  
इस शर्मशार हरकत के बाद में उन उत्तर भारतीयों से ये सवाल पूछता हु जो लोग उत्तर भारत में शिव सेना और एमएनएस पार्टी का झंडा ऊचा करते है।
क्या उन्हें ये हरकत देखकर शर्म नहीं आती की उनके भाइयो और बच्चो के साथ ये लोग के सुलूग करते है महाराष्ट्र में क्या बस राजनीति की रोटिया सीखनी है इन लोगो को
ये देश हम सब का है भारत देश में रहने वाला हर कोई सब से पहले भारतीय है बाद में किसी राज्य का है तो राज ठाकरे जेसे लोग ये देश को क्यों तोड़ने पर लगे है
दूसरी बात ये की क्या डर है कानून को जो इन पर शिकंजा नहीं कसती है और क्यों उत्तर भारत के लोग इन का साथ देते है क्या इन को ये लगता है की हम इन के साथ है तो ये लोग हमें कुछ नहीं कहेगे इन सब को तब पता चलेगा जब किसी दिन ये लोग महाराष्ट्र में पिटते नज़र आयेगे । इन सब से क्या सिद्ध करना चाहते है ये सब
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