योग का विरोध नहीं तारीख का विरोध ।
आज समूचा विश्व योग दिवस मना रहा है ।इस की शुरुवात भी भारत ने की यह भी सब जानते है पर योग दिवस की तारीख 21 जून क्यों रखी गयी यह ज्यदा तर नहीं जानते होंगे। में आप को बताता हूँ।
आरआरएस के संस्थापक डॉ केशवराव बलिराम हेड गेवर थे जिनका जन्म 1 अप्रैल 1889 को नागपुर में हुआ था और इन की मृत्यु 21 जून 1940 को हुई थी इन का योग से कोई सम्बन्ध नहीं था यह बहुत मोटे थे वा इन की तोंद निकली हुई थी इन की मोत डायबिटीज होने कारण हुई थी । क्यों की आरआरएस वाले इन का जन्म दिन मानते नहीं है क्योकि वह दी अप्रैल फूल के रूप में दुनिया में मनाया जाता है इसी लिए 21 जून को योग दिवस रखा गया है आने वाले सालो में यह हम को देखने को मिलेगा की योग दिवस के बेनर और पोस्टरों पर आरआरएस के संस्थापक डॉ केशवराव बलिराम के फोटो दिखाई देगे और योग दिवस के साथ समूचा विश्व पुण्यतिथि मनाता नज़र आएगा । में योग का विरोधी नहीं और ना ही योग ना करने के लिए कह रहा हूँ विरोध है तो केवल तारीख का । योग पर जितने भी परीक्षण हुए है उस में पाया गया है कि योग सब से ज्यादा जो देश बुद्ध को मानते उस देशो में योग और मार्शल आर्ट ज्यादा किया जाता है । पतंजलि ने भी योग लालन्दा विश्विद्याल में जा कर बुद्धिस्टों से सीखा था । जब समूचा विश्व इस बात को जनता है तो योग दिवस का दिन बुद्धपूर्णिमा के दिन मनाया जाना चाहिए क्यों की योग भी बुद्ध की देन है ।
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