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Tuesday, 18 September 2012

मुख्यमंत्री अखिलेश की चाय.... ?



महगाई को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कोई खास कदम नहीं उठा रही , जहा पुरे भारत में केंद्र सरकार की तरफ से ६ गेस सिलेंडर सब्सिडी के मिलेगे और ६ बिना सब्सिडी के सरकार को इस से कोई फरक नहीं पड़ता  है क्यों की सरकार और सरकार के सरकारी विभागों के मुखिया का इस पर कोई असर नहीं पड़ता है आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते है की जहा आम आदमी को एक महीने में एक सिलेंडर मिलेगा और ६ महीने में ६ सिलेंडर मिलेगे वही उत्तर प्रदेश सरकार को खुली छुट है है चाहे एक दिन में सही या एक महीने में जितने चाहे सिलेंडर जला सकते हो लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश अकेले चाय पीने में ही आठ सिलेंडर हजम कर जाते हैं।

यूपी के नेता और आला अफसर ऐसे सिलेंडरों पर धड़ल्ले से मौज कर रहे हैं। उनके स्टोर में हर महीने सैकड़ों एलपीजी सिलेंडर खप रहे हैं। यह कोई नहीं जानता कि इन सिलेंडरों का इस्तेमाल सरकारी कार्यालयों में होता है या यह नेताओं के घरों में खाना बनाने के काम आते हैं।
गैस एजेंसियों के ट्रासपेरेंसी पोर्टल के जरिए यह हकीकत सामने आई है। इंडेन गैस के पोर्टल से पता चला कि कई सरकारी विभागों के मुखिया के नाम पर 14 से 20 गैस कनेक्शन दर्ज हैं। ऊपर से इन पर सरकार लाखों रुपये की सब्सिडी भी दे रही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की बात की जाए तो यहा बनने वाली चाय पर पिछले चार महीने में 34 सिलेंडर यानी हर महीने करीब 8 सिलेंडर खर्च हो गए। वहीं सचिवालय में चार महीने में 24 और विधान सभा में 75 सिलेंडरों की खपत हुई। यूपी के मुख्य सचिव के कैंप कार्यालय में पिछले चार महीनों में 77 सिलेंडर खर्च हुए। राज्यपाल के नाम पर एक अप्रैल से 24 अगस्त के बीच 24 सिलेंडर इश्यू किए गए, जबकि गवर्नर के सचिव के नाम पर इन्हीं चार महीनों के दौरान 30 सिलेंडर जारी किए गए। तो सही बात है गरीबी और महगाई का असर इन पर नहीं आम जनता पर ही होता है इन के लिए सरकार आये या नहीं इन पर किसी भी बात का असर नहीं होता है , बड़ते दामो को लेकर जहा एक तरफ ममता बेनर्जी ने केंद्र सरकार से अपना समर्थन बापस ले लिया हो लेकिन ये उत्तर प्रदेश की सरकार आज भी केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंध मिला कर चल रही है इन को जनता का नहीं अपना घर दिखाई देता है बस |

Monday, 17 September 2012

ममता बेनर्जी के सामने नतमस्तक केंद्र सरकार

केंद्र सरकार एक बार अपनी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के तीखे तेवरों को देखते हुए इन के आगे नतमस्तक होती दिखाई पड़ रही है ,ऐसा पहली बार नहीं हो रहा ये सब देख कर तो ये लगता है कि सरकार को सोनिया ,मनमोहन नहीं ममता बेनर्जी चला रही हो | लगे क्यों ना कियो कि कोई भी मामला हो ममता बेनर्जी अपना रुख साफ करदेती है कि ये बात सही नहीं है या ये काम इस तरह से होना चाहिए और बेचारी यूपीए सरकार जो दुसरो के कंठो पर टिकी हुई है अपना रुख कुछ नरम कर लेती है । तो बताइए कि सरकार कोन चला रहा है ममता बेनर्जी यानि कि तृणमूल कांग्रेस सही जबाब | पर ये ममता का रुख जनता के हित में है अगर यही रुख रहा तो जनता को काम से काम एक चीज में तो रहत मिल ही जायेगी ,और सरकार सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडरों की संख्या बढ़ाकर कुछ राहत देने पर विचार कर सकती है, लेकिन डीजल के रेट घटने की संभावना कम है। हालांकि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने साफ कहा है कि सरकार एलपीजी, डीजल और एफडीआई पर अपने कदम वापस नहीं लेगी ।इस पर कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि जिस तरह हम सबकी मजबूरियां और हालात समझते हैं, उसी तरह उन्हें भी हमारे हालात समझने चाहिए। 
आर्थिक सुधारों पर सहयोगियों को साथ लाने के लिए कांग्रेस और सरकार कई स्तरों पर बातचीत कर रही है। कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद ममता से बात करके उन्हें सरकार में सहयोग जारी रखने के लिए कह सकते हैं। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तृणमूल के अल्टिमेटम के मद्देनजर पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ चर्चा की। कांग्रेस को लगता है कि फिलहाल कोई भी पार्टी सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहेगी।ममता के एक बार से ही केंद्र सरकार सकते में आजाती है और पूरा यूपीऐ ममता कि बात पर विचार विमर्श करने को टायर हो जाती है   

Monday, 10 September 2012

काला धन विदेशो में या हमारे मंदिरों में


आज देश में चारो तरफ भ्रष्टाचार और काले धन कि चर्चा जोरो पर है अन्ना हजारे और उन कि टीम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे है तो बाबा रामदेव काले धन के खिलाफ मुहीम छेड़े हुए है |
पर किया सच में देश का पैसा काले धन के रूप में विदेशो में जमा है अगर हा तो देश के मंदिरों में जो गुप्त दान किये जाते है वह किया है , वह क्या सफेद पैसा है वह भी तो काला धन है जो मंदिरों में गुप्त रूप से छोड़ दिया जाता है और मंदिरों के इस चड्बो कि चर्चा मीडिया में बड़े जोरो पर होती है बड़ी बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ में इस का प्रिमो चलाया जाता है | तो इस का मतलब ये हुआ जो काला धन विदेशो में है उस से ज्यदा काला धन हमरे मंदिरों में है उस काले धन पर कोन राज़ कर रहा है या देश विदेशों में भगवन के नाम पर प्रवचन करते है और एक एक प्रवचन के लाखो कि फ़ीस लेते है और जब यह खुँद भगवन को पियारे होते है तो अरबो खरबों कि सम्पति इन के पास पाई जाती है तो क्या इन के पास जो पैसा आता है सब सफेद पैसा होता है | देखा जाय तो यह एक माध्यम है काले पेसे को सफेद करने का और इन  मंदिरों में जो जमा सोना चांदी और पैसा है इस का आकलन किया जाय तो शायद ये पैसा विदेशों में जमा काले धन से भी ज्यादा बेठेगा ,पर क्या कर ये सिस्टम ही ऐसा है और आज कल इस का फायदा उठा कर लोग भगवन के नाम पर काले धन को सफेद कर रहे है | यही तो भगवान कि क्रपा है कि एक रुपया देगे वह दस लाख देगा | 



Friday, 7 September 2012

ऐसे होगा विकास भारत का

 देखो हिन्दुस्तानियों ,,, हमारी साबरमती के उपर खड़े एक पुल का नजारा ,,,,,, जो सिर्फ एक हिस्सा है,,,,मोदी साहब केसपने समान रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट का,,,,,जो साबरमती आज से दस साल पहले अपनी दोनों और की गन्दगी और जुपडपट्टी के कारन गंदे नाले में तब्दील होने जा रही थी ,,,,वही साबरमति को आज मोदी साहब ने नदियों की रानी जैसा रूप दे दियासिर्फ दस साल में,,,,इसे कहते है विकास

दस साल पहले सड़क दुर्घटना में मरने
ालो की जो तादाद थी उस में भारी गिरावट आयी है आज ,,,,,मोदी साहब की १०८ इमर्जन्सी की वजह से आज तक १००००० से भी ज्यादा लोगो की जाने बची है ,,,और दूर दराज के गाँवमें वक़्त पर १०८पहुँचने की वजह से १५००००० औरतो की सलामत प्रसूति हुई है,,,और १५००००० बच्चो को एक जीवनमिला ,,,,,,,,,,,,,, से कहते है विकास.
कांग्रेशियो की चोर नीतियों के कारन पुरे देश में एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट मात्र .% है ,,,वही गुजरात का ग्रोथ रेट १०. % है आज,,,,,,,,,इसे कहते है विकास .
आज से दस साल पहले गुजरात के किसानो की आम्दिनी १४००० करोड़ थी ,,,,वोह % बढ़कर ९६००० जीहां छियानवे हज़ार करोड़ हो चुकी है आज,,,,,,,,,,इसे कहते है विकास .
खेती लायक ज़मीन जो १०६ लाख हेक्टर थी वोह भीबढ़ कर १४५ लाख हेक्टर हो गयी हैआज,,,,,,,,इसे कहते है विकास.
डेल्ही के सांसदों के घर में भी आज इनवर्टर से काम चलाना पड़ता है,,,,और गुजरात केगाँव भी २४ घंटा बिजली से रोशन होचुके है आज ,,,फिर भी सर प्लस बिजलीहै गुजरात के पास,,,,किसी कांग्रेशी दुखियारे राज्य को मदद करने के लिए,,,,,,,,,,,, इसे कहते है विकास
अब आप ही सोचलों हिंदुस्तान को भी ऐसा विक्सित करना है ,,,या करनाहै हवाले बंगलादेशी घुस पेठियो के,,,,, मोदी लाओ देश बचाओ