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Monday, 17 September 2012

ममता बेनर्जी के सामने नतमस्तक केंद्र सरकार

केंद्र सरकार एक बार अपनी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के तीखे तेवरों को देखते हुए इन के आगे नतमस्तक होती दिखाई पड़ रही है ,ऐसा पहली बार नहीं हो रहा ये सब देख कर तो ये लगता है कि सरकार को सोनिया ,मनमोहन नहीं ममता बेनर्जी चला रही हो | लगे क्यों ना कियो कि कोई भी मामला हो ममता बेनर्जी अपना रुख साफ करदेती है कि ये बात सही नहीं है या ये काम इस तरह से होना चाहिए और बेचारी यूपीए सरकार जो दुसरो के कंठो पर टिकी हुई है अपना रुख कुछ नरम कर लेती है । तो बताइए कि सरकार कोन चला रहा है ममता बेनर्जी यानि कि तृणमूल कांग्रेस सही जबाब | पर ये ममता का रुख जनता के हित में है अगर यही रुख रहा तो जनता को काम से काम एक चीज में तो रहत मिल ही जायेगी ,और सरकार सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडरों की संख्या बढ़ाकर कुछ राहत देने पर विचार कर सकती है, लेकिन डीजल के रेट घटने की संभावना कम है। हालांकि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने साफ कहा है कि सरकार एलपीजी, डीजल और एफडीआई पर अपने कदम वापस नहीं लेगी ।इस पर कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि जिस तरह हम सबकी मजबूरियां और हालात समझते हैं, उसी तरह उन्हें भी हमारे हालात समझने चाहिए। 
आर्थिक सुधारों पर सहयोगियों को साथ लाने के लिए कांग्रेस और सरकार कई स्तरों पर बातचीत कर रही है। कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद ममता से बात करके उन्हें सरकार में सहयोग जारी रखने के लिए कह सकते हैं। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तृणमूल के अल्टिमेटम के मद्देनजर पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ चर्चा की। कांग्रेस को लगता है कि फिलहाल कोई भी पार्टी सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहेगी।ममता के एक बार से ही केंद्र सरकार सकते में आजाती है और पूरा यूपीऐ ममता कि बात पर विचार विमर्श करने को टायर हो जाती है   

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