
भारत पिछले ६० सालो से धर्म और जातीगत कि आग के झुलस रहा है , पर अब एक नयी जंग शुरू होने वाली है और उस जंग का नाम है प्रदेशीय जंग कि ये मेरा प्रदेश है और में यहाँ का रहने वाला हु ,जिस प्रकार पहले ज़माने में छोटी जाती वालो को तालाबो और कुओ से पानी नहीं पीने देते थे ,ठीक उसी प्रकार आज वही दोर दिखाई दे रहा है कि ये मेरा प्रदेश है और में यहाँ का रहने वाला हु यहाँ का काम यहाँ का पानी यहाँ कि हवा सब इसी प्रदेश वासियों कि है दुसरे प्रदेश वासियों के लिए नहीं है |
ये आवाज़ महाराष्ट्र से आती देखाई दे रही है ये शायद दूसरा प्रदेश है कियो कि कुछ दिन पहले असमियो में ये मेसज दिया गया था कि उन कि जान को खतरा है अगर वह अपना प्रदेश के अलावा कही रहते है तो अब बिहारियों को ये मेसज दिया जा रहा है असमियो के लिए तो देश के सब से बड़े दुश्मन हमारे पडोसी मुलक पाकिस्तान ने किया था, पर बिहारियों के लिए तो हमारे ही देश के लोग ही ये आग उगल रहे है देश को चलने वाले नेताओ के लिए तो देश का हर नागरिक बराबर होता है पर ये केसी राजनीती है कि एक ही देश में एक ही घर में भाई को भाई के खिलाफ भड़का कर आपस में लड़वाया जा रहा है ये काम तो केवल विभीषण ही कर सकता है तो किया राज ठाकरे विभीषण कि भूमिका अदा कर रहे है |
शायद राज ठाकरे अपने आप को या तो कोई शाशक समझ रहे या इस देश का बादशाह यो अपने जुल्मो से देश को अपनी मुट्ठी में करना चाहता हो इन बयानों को सुन कर और देश के कई लोगो को जिस प्रकार चेतावनी दी है उसे सुन कर और देख कर मुझ को होलीबुड के एक फिल्म ३०० डेज कि यादे ताज हो जाती है जिस प्रकार इस फिल्म में ताना शाही रजा सब को जबर दस्ती अपना गुलाम बना ना चाहता है शायद राज ठाकरे भी इसी तरह कि बाते कर देश के अन्दर प्रदेशीय जंग छेड़ कर आपस में सब को लड़ बा कर सब पर अपना अधिकार जमाना चाहते हो | ऐसे बयानों से किसी को फायदा हो या ना हो पर देश में पनप रहे आतंकवाद को ज़रूर बढवा मिलेगा और ना जाने इस देश का कानून कहा सो रहा है कब खुलेगी इस देश के कानून के आखो से ये पट्टी |
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