किसी ने सही कहा है ऊपर वाला जब भी देता है छप्पर फाड़ के देता है आप ये सोच रहे होगे कि किस को छप्पर फाड़ के दे दिया और किस ने दिया, जी ये सोगात दी है हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने | जनता के लिए विकास के लिए दिए जाने वाले पेसो में बढ़ोतरी कि जगह कटोती कर दी है और हर विधायक को जनता के साथ चलने के जगह गाड़िया दी जा रही है वह विधायक जो चुनाव से पहले हर जगह पैदल , मोटर बाइक से या किसी भी साधन से जनता के बीच वोट मागने पहुच जाते है वह भी 2-3 महीने में तो किया 5 साल में इन विधायको से गाव और शहरो का दोरा नहीं होगा पर मुख्य मंत्री जी इन पर मेहरवान है और विधायको को 20 लाख रूपये तक अपनी लिए गाड़ी खरीदने कि छुट दी दी है | वेसे कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश के ऊपर करोडो रूपए का कर्ज है और विकास कार्यो के लिए और कर्ज चाहिए और हम हमेशा केंद्र सरकार कि तरफ हाथ फेलाए खड़े रहते है |
पर जरा इस पे निगाह डाले
403 विधायक x 20 लाख = 806000000 करोड़ रूपए का खर्च होगा |
अगर ये पैसा किसी गाव के सरकारी विधालय पर खर्च कर दिया जाये तो 403 गाव के स्कूल कि तस्वीर बदल जायेगी यहाँ तक कि बच्चो को गर्मी में ठंडा पानी और जनेटर के दुआर लाइट और हवा कि व्यवस्था कर सकते है या फिर हम हर शहर के कुष्ठ आश्रम में ये पैसा खर्च करे तो उन के लिए आवास और रोजगार कि व्यवस्था कर सकते है ऐसे ना जाने कितने काम है जो हम कर सकते है और ये आकड़ा अगर हम हर साल का रखे तो आने वाले 5 साल में गाव के 2015 स्कूल कि तस्वीर बदल सकते है पर ये पैसा आता है कहा जाता है कोन से स्कूल में लगता है कुछ पता नहीं लेकिन जनता को जागरूक होना ही पड़ेगा ऐसा क्या विशेष हो जाता है कुर्सी मिलने के बाद जो हर सहुलतो से इन को नवाजा जाता है देश कि जनता और प्रदेशो कि जनता भूखी मर रही है किसान आत्म - हत्या कर रहे है जनता महगाई कि मर झेल रही है और ये लोग विधान सभा कि केंटिन में बैठ कर चाय 1-2 रूपए में पीते है, भर पेट भोजन 15-20 रूपए में मिल जाता है, आम आदमी को रोटी नसीब नहीं होती और ये मुर्ग मुसलं खाते है, तो हर सुविध इन को ही क्यों आम जनता को क्यों नहीं

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