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Tuesday, 3 July 2012

सोनिया गाँधी को अध्यक्ष और राजीव गाँधी को प्रधानमंत्री नहीं चाहते थे


जब इस तरह कि बाते सुने और पड़ने मिलती है तो बड़ा दुःख होता है जब किसी मामले या किसी के बारे में ये पता चले कि उस ने ये काम किया था, या नहीं या वह ऐसा चाहता था या नहीं | सब से बड़ी बात तो ये कि हमारे नेता या कोई भी किसी बात को 10-20 साल बाद ही क्यों बताता है जब कोई बात होती है तब उस का खुलासा क्यों नहीं कर ता बाद में बता कर इन सब को क्या मिलता है पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम कहते है कि में सोनिया को प्रधान मंत्री के लिए चिट्ठी लिखने वाला था और में चाहता था कि वह प्रधान मंत्री बने अब ये सुनने और पड़ने को मिल रह है और अब एक और ने सगुफा सामने आया है कि राजीव गांधी की मई, 1991 में हत्या के बाद दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्‍हा राव ने सोनिया गांधी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाये जाने के सुझाव पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था| वह नहीं चाहते कि सोनिया गाँधी कांग्रेस अध्यक्ष बने |  एक और पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानीजेल सिंह भी राजीव गाँधी कि जगह अर्जुन सिंह को प्रधान मंत्री बनाना चाहते थे | ये सब क्या है जो करना चाहते थे तब क्यों नहीं किया और जब वह लोग भी नहीं है जो ये सब करना चाहते थे तो इन मुदो को उठा कर क्या फायदा अब काफी समय तक तो हम इन ही मुद्दों पर ही हम सब घूमते रहेगे |    
दिवंगत कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह की जल्द ही जारी होने जा रही आत्मकथा ए ग्रेन ऑफ सैंड इन द हावरग्लास ऑफ टाइम में यह बात कही है। सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाये जाने के सुझाव पर राव की प्रतिक्रिया सुनकर उनका राजनीति के वीभत्स चेहरे से सामना हुआ।
383 पन्नों वाली इस किताब का प्रकाशन हे हाउस इंडिया ने किया है और इसके सह लेखक अशोक चोपड़ा है। चोपड़ा ने कहा कि सिंह का चार मार्च को निधन हो गया था और उस समय वह अपनी आत्मकथा को लिख ही रहे थे। कोई अपनी अतम कथा लिखता है तो उस में ये सारा मिर्च मसाला भार दिया जाता है हम को नहीं पता कि ये सब सही है या नहीं पर अपनी किताब को बाज़ार में बेचने के लिए इस से बढ़िया तरीका नहीं है | 

    

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