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Tuesday, 18 October 2011

क्या यह विरोध का सही तरीका है


क्या हो गया है देश के नागरिक को जो देश के हित के लिए सोच रहा है उस की ही पिटाई हो रही है कुछ लोगो को अगर ये पसंद नहीं तो आपना विरोध  जाता सकते है ,जिसे देश की जनता ने समर्थन दिया वे आप की नजर में दोषी हो सकता है पर ये नहीं की आप उस की पिटाई कर दे आप भी उसी तरह विरोध जाता सकते है जिस  तरह उन्होंने जाताया / जो लोगे विरोध कर रहे है बो कही न कही आपने आप की अलग पहचान बनना कहते है इसे लिए वह सब कर रहे है / अन्ना और उनकी टीम को सही साबित करता है  हिसार उपचुनाव में कंग्रेस की हार इस बात का सबेसे बड़ा उदहारण है,
ये हमला  हो सकता है , की यह एक राजनीतिग रंग हो /
जिस ने केजरीवाल पर हमला किया क्या वह अकेला सही है बाकि जनता गलत है जिस जनता  ने बाराह दिन तक अन्ना और उसकी टीम का साथ दिया / वह गलत है, क्या हो गया  इन लोगो को जो  लालच में आकर ये सब कर रहे है कोई हमारे लिए और देश की भलाई के लिए लड़ रहा है और उसी पर आप हमला करते है अगर ये आपने आप को सही मानते है तो दिग्विजय सिंह जो कभी कही कुछ बोलते है उन पर कियो नहीं हमला बोला , जो उत्तर भारतीयों पर हमला करते है उन का विरोध कियो नहीं, जो देश को बर्बाद कर रहे है उन का विरोध कियो नहीं, जो  इस देश के खजाने को आपना समझ बेठे है उन के बारे में नहीं सोच /जो देश की जनता में जान फुक ने का काम कर रहा है उस का विरोध कर रहे हो,
 तुम अकेले ही सही  नहीं हो सकते जिस तरह वह सही नहीं है
जिस तरह  हम अपने घर में दावत करते है फिर भी लोग कहते है अगर सफ़ेद रश्गुल्ला होते तो मजा आ जाता ठीक  उसी तरह हम सब जगह सही नहीं हो सकते, इस का मतलब ये नहीं की  जो मन में आया बो किया / जिन का विरोध कर रही हो जरा उनकी बातो को सुनो समझो फिर फेसला लो क्या सही है क्या गलत एक दम आवेश में मत आओ / 

                                                                                                सुशील कुमार सिंह

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