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Sunday, 30 October 2011

उत्तर प्रदेश २०१२ के चुनाव में मुसलिम मतदाताओ की भूमिका

देश की राजनीती में सबसे बड़ा योगदान उत्तर प्रदेश से चुने गये सांसदों और जनता का होता है इसलिये हर पार्टी उत्तर प्रदेश में जोर अजमाइश करती है और जनता के लिए नये से नये तरीको का इस्तमाल करती है उत्तर प्रदेश में मतदाताओ में सबसे ज्यदा मुस्लिम मतदाताओ को रिझाने का काम हर पार्टी करती है चुनाव के समय  मुस्लिम मतदाताओ को नये से नये सपने हर पार्टी दिखाती है जीत के बाद मुसलिम मतदाताओ को पहचानती ही नही है चाहे वह राज्य सरकार हो या  केंद्र सरकार हो /
लेकिन उत्तर प्रदेश में २००७ के बाद पूर्ण रूप से न सही कुछ हद तक तो सरकार खरी उतरी है उत्तर प्रदेश में  २१ जिले मुसलिम आबादी के है ,और केंद्र सरकार दुआर देये गये पेसे को राज्य सरकार ने ४०% पैसा लगा चुकी है वेशेष सचिव तनवीर ज़फर अली ने कहा है की जून की आंकड़ो के अनुसार ६०० करोड़ अब तक राज्य सरकार खर्च कर चुकी है और अन्य विकाश कार्य चल रहे है /
दूसरी तरफ कांग्रेस सषित राज्य में ये काम सुस्ती से चल रहा है केवल जम्मू और उ.प को छोड़ दे तो कोई भी मुस्लिम मतदाताओ को कुछ नहीं दे पाया है जो उन से कहा जाता है /
सही मायने में सर्ब्जन हिताय सर्ब्जन सुखाये का नारा देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी बर्ग को नाराज नहीं करना चाहती खास कर मुसलिम मतदाताओ को , २१ जिलों  में ४०% की आबादी मुसलिम आबादी है मुसलिम मतदाताओ के मत पर बहुत कुछ निर्भर करता है /
और मुस्लिम मतदाता बहुजन समाज पार्टी या समाजवादी पार्टी के साथ खड़े नज़र आते है कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी तो अभी तक ज़मीन तलाश कर रही है और भारतीय  जनता पार्टी तो जितनी भी रथ यात्रा निकाल रही है वह प्रधानमंत्री के उमीदवार के लिए है २०१२ के चुनाव में मुसलिम मतदाताओ पर बहुत कुछ निर्भर करेगा / की पास किस तरफ गिरेगा बहुजन समाज पार्टी की तरफ या समाजवादी पार्टी की तरफ /
 

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