कोडोलीजा राईस की किताब "नो हायर आनर" में खुलाशा किया गया है, की २६/११ के हमले के बाद प्रणब मुखर्जी और पाकिस्तान समकक्ष शाह मसूद कुरैशी के बाच हुई बातचीत से पाकिस्तान बुरी तरह डर गया था कही भारत उन पर हमला न कर दे और इस्लामाबाद इतना घबरा गया की उसने चीन से लेकर अमिरिका तक फ़ोन लगा दिया की भारत हमले की तयारी कर रहा है जब अमरीकी विदेश मंत्री कोडोलिजा राईस ने प्रणब मुखर्जी से जानने की कोशिश भी की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया और कोडोलिजा भी ये समझे बेठे की भारत हमले की तयारी कर रहा है लेकिन भारत के विदेश मंत्री हमले का जवाब देने की जगह अपने चुनावी सभा में थे इस बात का भी खुलाश इसी किताब में किया गया है क्योकि की नेताओ को देश से ज्यदा कुर्सी की चिन्ता रहती है हमला तो फिर भी होगा जवाब फिर भी दे देगे जब कुर्सी ही नहीं होगी तो केसा हमला केसा जवाब /और क्या सही में पाकिस्तान इतना डर गया, हम मान ही नहीं सकते वह केवल नाटक कर रहा था अगर वह सही मायने में इतना डरता है तो अपनी सीमा के अन्दर आतंकियों को शरण दे रहा है क्यों अपने सीमा में आतंकियों के कैंप चलवाता है क्यों हर बार हमलो में पाकिस्तानी आईसआई का नाम आता है/
डर दिखा कर केवल पाकिस्तान अपने आप को पाक साफ दिखाना चाहता है और दुसरे दसो की सहानुभूति लेना चाहता है क्या की यह हाथी की तरह है जिस के देखने के अलग खाने के अलग दात है/
अगर डर है तो क्यों आतंकियों की आड़ ले कर भारत पर हमला करता है हम से मित्रता क्यों नहीं बढ़ता सयुक्त राष्ट्र संघ और अमिरिका क्यों कुछ नहीं करते जब अमिरिका पर अति है तो वह पाकिस्तान में बिना बताये हमला करता है और लादेन जेसे आतंकी को मार गिरता है भारत को भी अमिरिका से सबक लेना चहिये पाकिस्तान को ये डर सही मायने में अपने अन्दर रख ना होगा कही एक दिन एसा न हो की ये डर सच में बदल जाये /

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