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Tuesday, 30 October 2012

कांग्रेस ने फायदे के लिए राजीव गाँधी की हत्या पर डाला पर्दा


आज पुरे देश में कांग्रेस सरकार की भ्रष्टचार ,घोटाले और मंहगाई को लेकर किरकिरी हो रही है,और भ्रष्टाचार में फसे मंत्री को हटाने की जगह उन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। दूसरी तरफ राजीव गाँधी हत्या मामले में एक किताब जिसका नाम  'कंस्पिरेसी टु किल राजीव गांधी - फ्रॉम सीबीआई फाइल्स'है जिसमे खुलासा किया गया है की राजीव गाँधी हत्या की जाँच में सबूतों को छिपाया गया था, ये इसलिए किया गया था की लोकसभा चुनाव में कही कांग्रेस को शर्मिंदा न होना पड़े , 21/5/1991 को तमिलनाडु में एक रेली के दोरान हत्या कर दी गयी थी , धनु नाम की एक महिला ने अपने शरीर पर बम बांध रखा था इसी महिला ने घटना को अंजाम दिया था जिस में राजीव गाँधी की मृत्यु हो गयी थी । हत्या की जाँच कर रही तमिलनाडु पुलिस का कहना था की रेली में राजीव गाँधी के आने के बाद ये महिला राजीव गाँधी के पास गयी थी जब की  'कंस्पिरेसी टु किल राजीव गांधी - फ्रॉम सीबीआई फाइल्स' किताब के लेखक और इस हत्या के मुख्या जाँच अधिकारी रहे रागोथामन के अनुसार एक विडियो टेप को हटा दिया था इस विडियो टेप मेये साफ देखने को मिल रहा था की मानव बम बनी धनु नाम की महिला और उनके साथी रेली वाले सुरक्षित घेरे में कम से कम दो घंटे तक घूमते रहे थे राजीव गाँधी के आने बाद ये लोग राजीव जी के पास गए और घटना को अंजाम दिया । रागोथामन ने अपनी किताब लिखा है, कि इस लापता विडियो के बारे में जांच हुई थी लेकिन स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम के प्रमुख डीआर कार्तिकेयन ने एमके नारायण को छोड़ दिया। नारायण इस वक्त पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं। विडियो टेप को आईबी ने ही एक कैमरामैन से हत्या के अगले दिन बरामद किया था। लेकिन हत्याकांड की जांच कर रही टीम को यह टेप कभी नहीं दिया गया । इस बात का खुलासा रागोथामन ने अपनी किताब में किया है ।

कहते है की राजनीती और जंग में सब कुछ जायज है ये बात आज देखने को मिल रही है की सत्ता की लालच में और अपने आप को शर्मिंदगी से बचाने के लिए कांग्रेस कुछ भी कर सकती है इसी लिए यही हल आज भी देखने को मिल रहा है की बस सत्ता प्यारी है न इस देश की जनता जिस ने सत्ता पर बैठाया है और न अपने लोग जिन होने इस कांग्रेस को खड़ा किया बस और बस सत्ता और कुछ नहीं चाहिए ।   


Saturday, 27 October 2012

कल्याण की वापसी से भाजपा को फायदा या नुकसान ।


भाजपा के लिए कभी ज़हर उगलने वाले कल्याण सिंह आज कल भाजपा में वापसी की तेयारी कर रहे है।क्या कल्याण सिंह की वापसी से भाजपा को फायदा होगा, हां इतना ज़रूर है की लोधा जाती का वोट जरुर भाजपा के साथ जुड़ सकता है जो भाजपा से नाराज़ चल रहा था जब से कल्याण सिंह ने भाजपा से साथ छोड़ा था कल्याण सिंह के आने से मुस्लिम जो थोडा बहुत भाजपा से जुड़ा था वह तो बिलकुल अलग हो जायेगा क्यों की कल्याण ने मीडिया में कई बार ये बयां दे चुके है की मेने ही 1992 में बाबरी मस्जिद को तुडवाया था खुले आम इस घिनोने अपराध के कसीदे कसने वाले कल्याण आज एक बार फिर भाजपा के गुणगान करते हुए नज़र आरहे है भाजपा पार्टी को वेसे है देश की बाकि राजनीती पार्टियों ने साम्प्रदायिक ताकत बता रखा है और सोने पर सुहागा उस ताक़त को और मजबूती मिलने जा रही है कल्याण सिंह की वापसी से और फिर से भाजपा को मजबूत करने की बात हो रही है देश को चलने वाले राजनेता आज देश के हित को छोड़ कर क्यों जाती-धर्म की राजनीती बढावा दे रहे है हम कहते है हम 2025 तक भारत को विकसित देश की सूचि में शामिल कर देगे मगर क्या इन बातो से हम देश को विकसित देश बना सकेगे हम आज भी 50-100 साल पुरानी परम्पराव की बात करते है तो कल्याण सिंह अगर भाजपा में आते है और अगर भाजपा उन की वापसी करती है तो इस तरह और इस तरह की राजनीती से अपने आप को दूर रखना होगा और देश प्रदेश और समाज के लोगो के लिए सोचना होगा न ही एक वर्ग के लिए ।      

Friday, 26 October 2012

कांग्रेस दामाद बेगुनाहा साबित

जहाँ एक तरफ कांग्रेस सरकार गडकरी पर जाँच की सोच रही है ,वाही हरियाणा की कांग्रेस सरकार अपने दामाद यानि की कांग्रेस के दामाद ,सोनिया के दामाद को जमीन,और स्टाम्प ड्यूटी मामलो में बचाती बचा रही है , ये वाही मामला है जिसमें अशोक खेमका को रातो रात ट्रांसफर ऑर्डर मिलगये थे और उनको अपनी बात रखने के लिए मिडिया का सहारा लेना पड़ा था । मामले ने जादा ही तुल पकड़ा तो हरियाणा सरकार ने चार डिप्टी कमिश्नरों को मामले की जांच सौपी और इन्ही डिप्टी कमिश्नरों ने जाँच कर वाड्रा को इन सब मामलो से मुक्ति दे दी यानि की फेसला वाड्रा के पक्ष में आगया । ये पूरा मामला  पलवल , फरीदाबाद , गुडगाँव , और मेवात में कई एकड़ जमीन का सौदा में स्टाम्प कम लगाने का मामला सामने आया था । ये सरे आरोप अरविन्द केजरीवाल ने वाड्रा पर लगाये थे । अब जब वंडर को क्लीन चित मिल गयी है तो वंडर का कहना है की अरविन्द ने सस्ती पब्लिक सिटी कमाने के लिए ये सब काम क्या है।         

नरेंद मोदी का जलवा

 हर तरफ तेरा जलवा हर तरफ तेरा जलवा जी कुछ ऐसा ही है गुजरात विधान सभा के ऑपिनियन पोल का दावा और ये जलवा है नरेंद्र मोदी का है जो हेट -ट्रिक लगाने जा रहे है , ओपिनियन पोल यही दरसा रहे है की इस बार भी नरेन्द्र मोदी का मुख्य मंत्री बनना तय है ।180 सीटो वाली विधान सभा में 2007 के मुकावले इस बार भाजपा की सीट बढती दिखाई दे रही है भले ही पोल के मुताबिक वोट प्रतिशत कम रहेगा भाजपा का , पर सीटे बड़ने की उम्मीद है कांग्रेस को सीधा नुकसान होता दिखाई पड़ रहा है उसको यहाँ पर सीधे सीधे 11 सीटों का नुकसान होता दिखाई पड़ रहा है । भले है मोदी का जलवा कायम हो पर आज भी वह मुस्लिम मतदाताओ में आपनी पकड़ नहीं बना पाए है और मुस्लिम मतदाता मोदी से किनारा करते नज़र आरहे है । गुजरात के लोग मोदी को 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में देख रहे है मतदाताओ का कहना है की गुजरात का विकास मोदी के प्रधानमंत्री बने के बाद ही संभव है इसी लिए मोदी को अगला पीएम देखना चाहते है । जनता दिल से सोचती है इसी लिए ये भूल गए की प्रधान मंत्री की प्रदेश का नहीं पुरे देश का होता है और वह पुरे देश के बारे में सोचता है हा ये जरुर कह सकते है की अपना घर सब को प्यारा होता है ।   

Monday, 22 October 2012

रोमांश से भरे हुए थे यश चोपड़ा


अगर आज किसी से पूछो तो की तुम्हारे पास क्या है तो ज्यादा तर लोगो के मुहं से केवल और केवल के ही बात निकलेगी की मेरे पास माँ है, यह संबाद को देने वाले और रोमांश की दुनिया में आपनी अलग छाप छोड़ने वाले यश चोपड़ा आज इस दुनिया में नहीं रहे । अपने सदाबहार जीवन में हमेश अलग अंदाज में लोगो के सामने अपनी बेहतरीन कला को जनता के सामने रखा और सब से बड़ी बात ये की उन्होनो ने हमेश युवाओं की नब्ज पर हाथ रखे रखा और जेसे जेसे जमाना बदलता गया लोगो के सामने उसी अंदाज में फिल्मो को जनता के सामने पेश किया । और न जाने कितने किरदारों को परदे पर पेश कर उन को उस किरदार के नाम से मशहूर किया , राजेश खन्ना को नए अंदाज में पेश किया, अमिताभ की ऐंग्री यंगमैन की इमेज को उभारा , हिंदी फिल्मो में अपने आप को रोमांस की एक मिसाल के रूप में पेश किया । 
यश चोपड़ा ने अपने निर्देशन में 22 फिल्में का निर्माण किया । उनकी सब से पहली फिल्म 'धूल का फूल' से लेकर दिसम्बर रिलीज होने होने वाली 'जब तक है जान' तक के सफ़र में जितनी भी फिल्म बनाई वह एक से बड कर एक थी और हर फिल्म की कहानी हम से कुछ कह कर जाती थी , यही कारण है जो आज उन को और उनकी यादो को हम नहीं भुला पाएगे 
सिलसिला' फिल्माए गए रोमांटिक गीत 'देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए' में स्विट्जरलैंड की वादियों को यश चोपड़ा ने इतनी खूबसूरती से पेश किया कि स्विट्जरलैंड ने उन्हें न केवल अपना सांस्कृतिक दूत घोषित किया, बल्कि वहां एक रेलवे स्टेशन को उनका नाम देकर उन्हें सम्मानित किया। भारत में सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान 'दादा साहेब फाल्के पुरस्कार' से भी उन्हें नवाजा गया।


Thursday, 18 October 2012

गुजरात में बिहारी नहीं करेगे चुनाव प्रचार

गुजरात में दो माह बाद विधानसभा के चुनाव होने वाले है , चुनाव के प्रचार के लिए चुनाव आयोग को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से चुनाव प्रचारको की लिस्ट सोप दी गयी है ,देखने वाली बात ये है की इस लिस्ट में किसी भी मुस्लिम नेता का नाम नहीं है और सब से बड़ी बात ये है की  इस विधानसभा चुनाव में मोदी बनाम नितीश लड़ाई का असर साफ दिखाई पड़ रहा है।विधान सभा चुनवो में चुनाव प्रचार के लिए किसी भी बिहार के नेता का नाम चुनाव प्रचारको वाली लिस्ट में नहीं है । यानि की मोदी और नितीश की लड़ाई अब भी साफ दिखाई पड रही है या मोदी बिहार के हर नेता को नितीश मानते है क्यों की पेचले चुनाव में नितीश अड़ गए थे और मोदी चुनाव के लिए बिहार चुनाव प्रचार में नहीं आसके थे।  राजनीती भी क्या क्या करा देती है जहा समाज को सुधारे की बात होती है वहा आज कल सरे छोटे बड़े नेता -राजनेता एक नयी लड़ाई को जन्म दे रहे है की तू बिहारी है , में मराठा तुम उत्तर भारतीय हो में गुजरती ये केसी लड़ाई है देश को चलने ओर देश को आगे बढाने की जगह ये लोग देश के अन्दर नहीं लड़ाई को जन्म दे रहे है । 

Wednesday, 17 October 2012

दलितों पर यादवों की दबंगी

सम्भल :- जिले के बहजोई थाना इलाके के किसोली गाँव में दलितों पर यादव की दबंगी इतनी ज्यादा बड गयी है की अब तक पिछले एक हफ्ते में 18 परिवार गाँव छोड़ कर चले गए है , नेताओ के दबाब के चलते प्रशासनिक   अफसर भी कोई कदम उठाने से डर रहे है अधिकारी किसी कार्यवाही करने की जगह केवल मुंह - जवानी सुरक्षा का  आश्वासन ही मिल रहा है , दलित बस्तियों में सन्नाटा पसरा हुआ है । राजनीती अब देश प्रदेश के हित की नहीं अपनी अपनी जातियों के हित की या धर्म  की राजनीती रहगयी है या इस बात की स्पर्धा है सारी  राजनीती पार्टियों में की कोन सत्ता को हासिल करे और देश को कोन ज्यादा लुट के खा सकता है । सूबे के मुख्या मंत्री शायद कभी न तो अख़बार पड़ते है और शायद ना कभी समाचार देखते है अगर शायद देखते तो जरुर कोई न कोई ठोस कदम जरुर उठाते शासन और प्रशासन पर मुख्या मंत्री अखिलेश यादव की पकड़ ढीले होती दिखाई दे रही है या साफ लफ्जो में कह सकते है की मुख्या मंत्री का कोई नियंत्रण ही नहीं  रहा है प्रदेश पर इन दलितों को न्याय दिलाने के लिए जाती धर्म की राजनीती छोड़ कर इन की मद्दत के लिए सब को आगे आना चाहिए । क्यों की इस देश में सब को बराबर का हक है । 

Tuesday, 16 October 2012

अशोक खेमका को हरीश रावत ने दे नसीहत




एक अधिकारी की ईमानदारी से काम करने की सजा क्या होती है ये हम सब को पता है ट्रांसफर या सरकार और सरकार के मंत्रियो के तरफ से उस अधिकारी को परेशान किया जाता है ,और एक दिन एसा आता है जब वह इन सब से पक जाता है तो वह उस नोकरी से इस्तीफा दे देता है या मोत  को गले लगा लेता है वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का भी गुनहा बस इतना है की उन्होंने ने अपने कम को ईमानदारी से किया और तुरंत ट्रांसफर और अपनी बात को सही साबित करने पर मिल रही है धमकिया एक टी वी चेनल पर केंद्र सरकार में मंत्री हरीश रावत ने भी कहा की राज्य सरकार जरुर पूछेगी की ये बात मिडिया तक केसे पहुची जबकि उनके मित्र और जानेमाने वकील अनुपम गुप्ता ने भी बताया की उन को अशोक खेमका को जनसे मरे की धमकिया  मिल रही है ये पूरा मामला हरियाणा के चार जिलों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के सभी जमीन सौदों में जांच का आदेश दिए जाने के मद्देनजर खेमका को रजिस्ट्रेशन महानिरीक्षक पद से हटा दिया गया था। उन्होंने कहा है की ये उनकी ईमानदारी का इनाम है हरीश रावत ने उन को नसीहत भी दे की आप की क्या सीमा है और अधिकारी को टीवी चेनल पर इस तरह की बात नहीं करनी चहिये अपनी हद में रहकर बात कहनी चहिये

ईमानदारी का तोफा 21 साल 43 ट्रांसफर

आज के डोर में किसी अधिकारी को उस की ईमानदारी का कुछ इनाम दिया जाता है तो वह है उस का ट्रांसफर 
इस देश में कम करने वाले अधिकारियो के बारे में अगर आप को जानना है की वह कितनी ईमानदारी से काम  करते है इस की जानकारी के लिए आप कोई आई .टी आर मागगे तो शायद आप को जबाब न मिले ,पर आप ये पूछते है की इस अधिकरी का कितने कार्य कल में कितनी बार ट्रासफर हुआ तो आप को उस की ईमानदारी का पता चल जायेगा । जी हा ये बिलकुल सच  है आज सुबह से हरियाणा सरकार का एक आई ए एस अधिकारी जिस को अपनी बात कहने के लिए मिडिया का सहारा लेना पड़ा उस का कसूर बस इतना था की उस ने बड़ी ईमानदारी से 21 साल से कार्य किया और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दामाद के खिलाफ एक भूमि के मामले में कार्यवाही शुरू की नतीजा ये निकला की उन का ट्रासफर कर दिया गया जबकि नियम के अनुसार जो भी अधिकारी उस पद पर रहेगा वह कम से कम उस पद पर 2 साल तक कार्य करेगा सरे नियमो को तक पर रखदिया गया क्यों की मामला सोनिया गाँधी के दामाद का मामला था और हरियाने में सरकार भी कांग्रेस की है अशोक खेमका  एक बारिस्ट अधिकारी है आप उन की ईमानदारी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हो की 21 साल के कार्यकाल में उनका 43 बार ट्रांसफर हो चूका है आज मीडिया के सामने ने खुलकर इस सिस्टम को कोसा उन्होंने साफ लाब्जो में कहा की जो मेरा जमीर मुझसे कहे गा में वाही कम करुगा और पूरी ईमानदारी से करुगा चाहे सरकार इस कम से खुश न हो वह मुझे टर्मिनेट कर दे ,या खुले आम गोली मरवा दे लेकिन में अपना कम ईमानदारी से करुगा । में अशोक खेमका और उन के इस जज्बे को सलाम करता हु जो आज खुल कर सामने आये इस सिस्टम के इन भ्रष्ट सरकारों के जो हमेसा अपने फायदे के लिए अशोक जेसे अधिकारियो को उन कम ईमानदारी से नहीं कर ने देते और इस देश के सभी अधिकारियो को अशोक खेमका जी से सीख लेनी चाहिए की अपना कम ईमानदारी से करना चाहिए किसी के दवाब में काम नहीं करना चाहिए।

Monday, 15 October 2012

सोनिया गाँधी मम्मी ये लोग मेरी कुर्सी छीन रहे है


जिस प्रकार छोटे बच्चा जिद करता है आज कल हमारे नेता जिद कर रहे है। और मनो कोई बच्चा अपनी मामी से कह रहा हो की मम्मी की नहीं ये सरे इलज़ाम गलत है ,देश का हर व्यक्ति यही कह रहा है की अब तो शर्म करो और अपनी इज्जत बचानी है तो अपने पद से इस्तीफा दे दो पर नहीं सलमान खुर्शीद अब भी छोटे बच्चे के तरह जिद पकड़ कर बेठे है नहीं कुछ भी हो जय में कुर्सी नहीं छोड़ूगा जेसे कही से आवाज़ आरही हो सोनिया मम्मी देखो ये लोग मेरी कुर्सी छीने की कोशिश कर रहे है । ये हल है देश के नेताओ का जो गलती करने पर भी यही कहते है की मेने कोई गलती नहीं की है हम को इस मामले में फसाया जा रहा है , इन को किसी बात से मतलब नहीं है केवल और केवल कुर्सी से प्रेम हो हाय हाय कुर्सी ये कुर्सी ये केसी सत्ता है जिस का लालच इतना ज्यदा  होता है अरविन्द केजरीवाल ने सच में सलमान खुर्शीद को वह पटखनी दी है तभी तो वह कह रहे है की अरविन्द को तो में देख लुगा । हर हम आदमी या हर व्यक्ति बस यही सोच बना ले की गलत कम करने वाले को सबक सिखा के ही रहूगा तो ये लोग शायद अपनी आदतों में सुधार ले आये , अरविन्द की ये शुरुवात देश में ज़रूर नहीं क्रांति ले कर आये गी और हम को भी अरविन्द का खुल के साथ देना चाहिए अरविन्द केजरीवाल ने अपनी नयी पार्टी बनायीं है , अगले लोक सभा में चुनाव लड़ने का भी फेसला किया है । देखते है की जनता अरविन्द का साथ कितना देती है जिस तरह अरविन्द ने कांग्रेस के कलई खोली है कांग्रेस के सभी नेता, मंत्री अब यही इंतजार कर रहे है ही की अब किस की बरी है हर पार्टी अब यही सोच रही होगी की सता में आने के बाद गलत कम नहीं करना नहीं तो अरविन्द कजरी वाल आजायेगा ।