

एक अधिकारी की ईमानदारी से काम करने की सजा क्या होती है ये हम सब को पता है ट्रांसफर या सरकार और सरकार के मंत्रियो के तरफ से उस अधिकारी को परेशान किया जाता है ,और एक दिन एसा आता है जब वह इन सब से पक जाता है तो वह उस नोकरी से इस्तीफा दे देता है या मोत को गले लगा लेता है वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का भी गुनहा बस इतना है की उन्होंने ने अपने कम को ईमानदारी से किया और तुरंत ट्रांसफर और अपनी बात को सही साबित करने पर मिल रही है धमकिया एक टी वी चेनल पर केंद्र सरकार में मंत्री हरीश रावत ने भी कहा की राज्य सरकार जरुर पूछेगी की ये बात मिडिया तक केसे पहुची जबकि उनके मित्र और जानेमाने वकील अनुपम गुप्ता ने भी बताया की उन को अशोक खेमका को जनसे मरे की धमकिया मिल रही है ये पूरा मामला हरियाणा के चार जिलों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के सभी जमीन सौदों में जांच का आदेश दिए जाने के मद्देनजर खेमका को रजिस्ट्रेशन महानिरीक्षक पद से हटा दिया गया था। उन्होंने कहा है की ये उनकी ईमानदारी का इनाम है हरीश रावत ने उन को नसीहत भी दे की आप की क्या सीमा है और अधिकारी को टीवी चेनल पर इस तरह की बात नहीं करनी चहिये अपनी हद में रहकर बात कहनी चहिये
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