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Tuesday, 16 October 2012

ईमानदारी का तोफा 21 साल 43 ट्रांसफर

आज के डोर में किसी अधिकारी को उस की ईमानदारी का कुछ इनाम दिया जाता है तो वह है उस का ट्रांसफर 
इस देश में कम करने वाले अधिकारियो के बारे में अगर आप को जानना है की वह कितनी ईमानदारी से काम  करते है इस की जानकारी के लिए आप कोई आई .टी आर मागगे तो शायद आप को जबाब न मिले ,पर आप ये पूछते है की इस अधिकरी का कितने कार्य कल में कितनी बार ट्रासफर हुआ तो आप को उस की ईमानदारी का पता चल जायेगा । जी हा ये बिलकुल सच  है आज सुबह से हरियाणा सरकार का एक आई ए एस अधिकारी जिस को अपनी बात कहने के लिए मिडिया का सहारा लेना पड़ा उस का कसूर बस इतना था की उस ने बड़ी ईमानदारी से 21 साल से कार्य किया और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दामाद के खिलाफ एक भूमि के मामले में कार्यवाही शुरू की नतीजा ये निकला की उन का ट्रासफर कर दिया गया जबकि नियम के अनुसार जो भी अधिकारी उस पद पर रहेगा वह कम से कम उस पद पर 2 साल तक कार्य करेगा सरे नियमो को तक पर रखदिया गया क्यों की मामला सोनिया गाँधी के दामाद का मामला था और हरियाने में सरकार भी कांग्रेस की है अशोक खेमका  एक बारिस्ट अधिकारी है आप उन की ईमानदारी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हो की 21 साल के कार्यकाल में उनका 43 बार ट्रांसफर हो चूका है आज मीडिया के सामने ने खुलकर इस सिस्टम को कोसा उन्होंने साफ लाब्जो में कहा की जो मेरा जमीर मुझसे कहे गा में वाही कम करुगा और पूरी ईमानदारी से करुगा चाहे सरकार इस कम से खुश न हो वह मुझे टर्मिनेट कर दे ,या खुले आम गोली मरवा दे लेकिन में अपना कम ईमानदारी से करुगा । में अशोक खेमका और उन के इस जज्बे को सलाम करता हु जो आज खुल कर सामने आये इस सिस्टम के इन भ्रष्ट सरकारों के जो हमेसा अपने फायदे के लिए अशोक जेसे अधिकारियो को उन कम ईमानदारी से नहीं कर ने देते और इस देश के सभी अधिकारियो को अशोक खेमका जी से सीख लेनी चाहिए की अपना कम ईमानदारी से करना चाहिए किसी के दवाब में काम नहीं करना चाहिए।

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