बाबा रामदेव कसाब की फासी पर ऊँगली उठानी शुरू कर दी है , और केंद्र सरकार के ऊपर इलज़ाम लगाया है की उस ने कसाब को फासी देकर हीरो बना दिया है । कसाब को फासी देकर सरकार ने आतंकियों के सामने घुटने टेक दिए है ।
बाबा रामदेव ने अब तक सरकार को काले धन को लेकर घेरा है और इस बात से हर हिन्दुस्तानी का पता चला की हमारा कितना धन विदेशो में जमा है अगर वह वापस आजाये तो भारत की अर्थ व्यवस्था और सही हो जायगी । लेकिन आज के इस बयां से बाबा रामदेव क्या कहना चाहते है । भगत सिंह की फासी और कसब को दी गयी फासी से तुलना कर दी । कसाब एक आतंकवादी था जिस के हट मासूमो के खून से रंगे थे और भगत सिंह एक सच्चा देश भक्त जिस ने अपने प्राणों को इस देश की आजादी के लिए नोछावर कर दिए । कस्साब की फासी तय तारीख पर हुई ,हो सकता था सरकार अगर इस को सब के सामने बताती की फासी कब कहा और किस समय दे जायेगी तो हो सकता है वह हीरो बन जाता क्यों की लोग फासी के समय जेल के आस पस्स जरुर जाती मीडिया भी इस से पीछे नहीं रहती वह भी वहा पहुच जाती और वह बन जाता रातो रत हीरो जिस फासी हुई उस के भी न्यूज़ चेनल पर कसाब को लेकर ज्यदा न्यूज़ नहीं देखने को मिली पर हम तुम इस मामले को तूल देकर जरुर कसाब को हीरो बना रहे है । सरदार भगत सिंह को अंग्रेजो ने धोके से मारा उस को एक दिन पहले फासी दे दी गयी उस की लाश को भी उस के परिवार वालो के हवाले नहीं किया और जल्दी जल्दी में उसका शव को नदी में बहा दिया ।
सरकार ने कसाब को तेय समय पर फासी दी सव को पाकिस्तान में लेने की भी बात कही पर उन्होंने शव लेने से मन कर दिया । कोई व्यक्ति देश का हो बहार का हो भले ही वह आतंकवादी है क्या हमारा ज़मीर हमारा देश या संस्क्रति इस बाद के लिए कहती है की किसी के शव को उसके धर्म के मुताबिक उसका अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिये । कसाब को फासी देकर सरकार ने अपने घुटने नहीं टेके है बल्कि सबक दिया है उन आतंकियों को की इस देश आतंक वाद फेलोगे तो इसी तरह फाशी पर लटका दिए जाओगे । में तो घोर निंदा कर ता हु एक देश भगत की फासी और एक आतंकवादी की फासी को एक समान बताने वाले बाबा राम देव की ।












