बालीबुड की एक फिल्म 'सत्य' जिस में मनोज बाजपेयी का एक डायलाग था की मुंबई का किंग कोन 'भीकू महत्रे' लेकिन असल में मुंबई का किंग भीकू महत्रे शिव सेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे थे । शिव सेना पार्टी का जो झंडा है उस पर भी शेर का चिन्ह है या उस झंडे पर बाला साहब ठाकरे का फोटो इसी लिए बाला साहब ठाकरे को महाराष्ट्र का शेर के नाम से जाना जाता था और आगे भी जाना जायेगा इस इस शेर की जगह कोई भी नहीं ले सकता । बाला साहब ठाकरे को आज अंतिम विदाई देने के लिए सारा मुंबई शहर का जन सेलाव शिवाजी पार्क की तरफ चल दिया है । कहते है जब शेर बुढा हो जाता है तो वह अपनी मदान में चुप जाता है लेकिन बाला साहब ठाकरे इसे शेर थे जो आखरी समय में भी अपने विरोधियो पर गरजे उन्होंने आखरी समय में कहा था की मेरा शरीर साथ नहीं दे रहा है मगर मेरा मन आज भी आप के लिए कुछ करने का मन करता है उन्होंने जाते जाते अपने सेनिको से कहा की अब तक मेने आप को और शिव सेना को चलाया अब आप लोग चलाये । बाल ठाकरे की सब से बड़ी खासियत ये थी की जो उन्होंने जो एक बार कह दिया वह कर के दिखाया और उस बात से कभी भी पीछे नहीं हटे । बाला साहब ठाकरे की पहचान किसी राजनीती व्यक्ति की नहीं रही उन्होंने हमेशा लोगो के बीच में रहकर लोगो को जोड़ने का कम करते थे उन्होंने हमेश लोगो को हक़ की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया । बाला साहब एक ऐसे शख्स थे जो आम आदमी थे अगर ये एक आम आदमी हमेश शेर की तरह जिया जिस की एक आवाज़ पर पूरा महाराष्ट्र सडको पर निकल आया करता था । जब पहली बार बाला साहब ठाकरे को गिरफ्तार किया गया तो सारा मुंबई सडको पर था । लेकिन आज वह हमारे बीच नहीं रहे आज उनके पार्थिव शारीर को अंतिम विदाई दी जा रही है ।

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