जिस धरती से अमेरिका के सबसे बड़े इंतकाम का खाका खींचा गया, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा उसी सरजमीं पर पूरी दुनिया को उस जीत की याद दिलाने आए.
बिना किसी पूर्व निर्धारित योजना के बीती रात ओबामा काबुल पहुंचे. चंद घंटों बाद अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस से अमेरिकी नागरिकों को संबोधित किया. ओसामा की बरसी पर उस इंतकाम की याद दिलाय़ी जो ठीक एक साल पहले पूरा हुआ था.
जिस बगराम एयरबेस से ओबामा ने अमेरिकी नागरिकों को संबोधित किया, उसी एयरबेस पर ओसामा के मारे जाने की पूरी प्लानिंग रची गई थी. 1 मई, 2011 को इसी एयरबेस से ओसामा के खात्मे के लिए नेवी सील कमांडो ने उड़ान भरी थी.
उसी इंतकाम की याद दिलाते हुए ओसामा की पहली बरसी पर ओबामा ने अफगानिस्तान से दोस्ती को और मजबूत करने का भरोसा दिलाया.
इस मौके को औऱ खास बनाने के लिए ओबामा ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के साथ आतंकवाद के खिलाफ साझा अभियान पर एक समझौता भी किया. ये भी भरोसा दिलाया कि 2014 में नाटो सेना के हटने तक अफगानी फौज खुद इतनी ताकतवर हो चुकी होगी कि वो देश की हिफाजत कर सके.
ओबामा ने एक साथ कई निशाने साधे हैं. अमेरिका में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में एकाएक अफगानिस्तान आकर उन्होंने अमेरिकी नागरिकों को 10 पुराने इंतकाम के पूरा होने की याद दिलाई. ये भी जता दिया कि जल्द ही अमेरिका युद्ध का बोझ अपने कंधे से उतार फेंकने वाला है. दूसरी तरफ अफगानिस्तान से समझौता कर उन्हें ये भरोसा दिलाया कि अमेरिका उन्हें मजधार में छोड़कर नहीं जा रहा.
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आत्मघाती धमाके की खबर है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के अफगानिस्तान दौरे से लौटते ही ब्लास्ट की आवाज सुनी गई.
जानकारी के मुताबिक काबुल के जलालाबाद रोड पर आत्मघाती धमाका किया गया. धमाके के तुरंत बाद अमेरिकी दूतावास को अलर्ट कर दिया गया है.
इससे पहले, दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी ओसामा बिन लादेने के मारे जाने की पहली बरसी पर अमेरिकी राष्ट्रपति अफगानिस्तान पहुंचे. अचानक हुए इस दौरे में ओबामा ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के साथ एक समझौते पर दस्तखत किए.

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