पेट्रोल पर 7.50 रूपए क्या बड़े मानो देश पर सड़े साती लग गयी हो हर तरफ तेल की कीमतों को लेकर हां-हां कार मचा है , पर सरकार इन कीमतों को वापस नहीं ले रही है पुरे एशिया में सब से जादा मंहगा पेट्रोल भारत में है पाकिस्तान ,श्रीलंका, नेपाल में भी पेट्रोल इतना मंहगा नहीं है जितना की भारत में सरकार ने मानो पेट्रोल में आग सी लगा दी है पर इस आग को भुझा ने वाला कोई नहीं है तीन साल में करीब ३५ रूपए बड़ा दिए है | ऐसा क्या कारण है की हमरे देश की कम्पनिया हार साल घटे में जा रही है ,या सरकार केवल पुजीपतियो की हो कर रह गयी है आम आदमी का उस को ख्याल ही नहीं रहा है ,कभी पेट्रोल कभी सब्ब्जियो के दाम हार किसी के दाम तो बाद रहे है कोन सी निति अपना रहे है तीन तीन अर्थ शास्त्री अहि इस सरकार में फिर भी फैल होती नज़र आ रहे है क्या करण है की कोई मजबूत ठोस नीति नहीं बना प् रही है सरकार दूसरी तरफ हमारा देश का रुपया खून के आशुओ से रो रहा है जेसे मानो कह रहा हो कोई तो बचालो ,सब के सब पानी रोटिय सेख ने लगे हुए है देश को तो भ्रस्टाचार ले कर डूब रहा है और सब देश की तरफ ना ध्यान ना दे कर केवल देश को खोखला कर ने लगे हुए है शायद यही कारण है बदती महगाई का सरकार का खजाना दो देश के भ्रस्ताचारियो ने खली कर दिया है उस की भार पी भी तो करनी है इसी लिए कीमतों में इजाफा हो रहा है हर कोई कुर्सी के लालच में लगा है की जेसे मानो की मेरी बारी कब आयेगी देश को खली करने की यही हल रहा तो वह दिन ज्याद दूर नहीं की हमारे देश का हाल दक्षिण अफ्रीका के सुमालिया की तरह ना हो जाये और हम भी लुट मार की तरफ बाद जाये किस सरकार पर भरोसा करे किस पर नहीं कुछ समझ नहीं आता है


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