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Sunday, 11 December 2011

अन्ना और विपक्ष ने मिलकर सरकार को घेरा


टीम अन्ना ने जनलोकपाल पर खुली बहस के लिए कांग्रेस को भी न्‍यो‍ता भेजा था लेकिन कांग्रेस ने इससे कन्नी काट ली. पार्टी के प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि देश में बहस के लिए संसद ही सबसे बड़ा मंच है और इसके अलावा किसी और मंच की अहमियत नहीं रह जाती है
जंतर-मंतर से अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने जन लोकपाल रिपोर्ट पर स्टैंडिंग कमेटी को घेरा और कहा कि अन्ना ने लोकपाल के तहत एक जांच एजेंसी की मांग की थी। लेकिन रिपोर्ट में जांच एजेंसी की बात नहीं की गई है। लोकपाल सिर्फ पोस्टऑफिस का काम करेगा। इसके पास जो भी मामले आएंगे उसे लोकपाल पोस्ट ऑफिस की तरह सीबीआई को भेजेगा।
केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई को सीधे-सीधे लोकपाल के दायरे में लाया जाय। सरकार सीबीआई को अपने चंगुल से छोड़ना नहीं चाहती है। सीबीआई भ्रष्टाचार रोकने के लिए नहीं बल्कि साझा सरकार को चलाने के लिए है। उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्री सरकार के खिलाफ बोले उसके पीछे सीबीआई को छोड़ दो।
केजरीवाल ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि स्टैंडिंग कमेटी चाहती है कि लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिया जाए। क्योंकि राहुल गांधी चाहते हैं। स्टैंडिंग कमेटी ने सिर्फ राहुल गांधी की एक बात मानी। अरविंद ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यही देश का लोकतंत्र है। प्रधानमंत्री की नहीं चलेगी, पार्लियामेंट की नहीं चलेगी सिर्फ एक व्यक्ति की चलेगी
उन्होंने कहा कि अन्ना ने 'नए लोकतंत्र' का उदाहरण पेश किया है, जिसमें जनता अपने प्रतिनिधियों से सीधे सवाल पूछ सकेगी। पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे नए लोकतंत्र का नया चेहरा देखेंगे। मतदान करने वाले लोग पूछ रहे हैं कि आप मेरे लिए क्या कर रहे हैं? यह नए लोकतंत्र का चेहरा है, जो अन्ना हजारे ने हमें दिखाया है।
गौरतलब है कि जंतर-मंतर पर आने से पहले अन्ना ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धाजलि अर्पित की और समाधि स्थल पर बैठकर लगभग आधा घंटा मौन चिंतन किया। अन्ना ने चेतावनी दी है कि अगर केन्द्र सरकार ने 27 दिसंबर तक एक मजबूत कानून नहीं बनाया तो वह फिर से रामलीला मैदान पर अपना अनशन शुरू करेंगे

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