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Sunday, 11 December 2011

अन्ना नेता वो देश चलाये सरकार नहीं



मेरी गिरफ्तारी के पीछे चिदंबरम था... रामदेव बाबा पर जो लाठी चार्ज हुआ वह गलत था. मेरे साथ भी वैसा ही करने वाले थें. देश को चिदंबरम जैसे गृहमंत्री मिलेंगे तो यही हाल होगा. सरकार की नीयत साफ नहीं है अपने आप को बचाने के लिए ये सरकार क्या क्या नहीं कर रही है हर तरीके का सहारा ले रही है पर इस की मुशकिले कम होने का नाम नहीं ले रही है आज अन्ना के सम्रथन में विपक्ष के कई दिग्गज अन्ना के साथ मंच पर आने से कांग्रेस सरकार अलग थलक दिखाई  दे रही है अन्ना हजारे ने जिस तरह है से हुनकर भरी है सरकार को हिला कर रख दिया है अनशन के दौरान टीम अन्ना ने लोकपाल के मुद्दे पर खुली बहस कराई, जिसमें कांग्रेस  को छोड़कर अन्य दलों के कई नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।बेदी ने कहा कि नेहरू के समय से भ्रष्टाचार के खिलाफ तंत्र बनाने की बात चल रही है...काश नेहरू जी ‘सिस्टम’   1962 से 2011 हो गया पर अब जन लोकपाल लाना ही होगा।कपिल सिब्बल ने आंदोलन के बाद समूह में भेजे जाने वाले एसएमएस पर रोक लगा दी और अब फेसबुक ट्विटर पर सेंसरशिप की बात कर रहे हैं पर फिर भी वह इस भीड़ को इकट्ठा होने से नहीं रोक पाए। इस सरकार में सुच में मनमोहन सिंह एक मूकबधिर बनकर रह गये है सरकार को सोनिया, कपिल सिब्बल ,चिदंबरम, प्रणव मुखर्जी चला रहे है

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