जान बचे तो लाखो पाए लोट के बुद्धू घर को आये ये, कहावत हमारे सांसदों पर बिलकुल सही बैठती है जिन शहीदों ने क़ुरबानी दे कर इन सब की जान बचायी आज उन सब को ये भूल गए केवल उन के फोटो पर माला या फूल चड़ा कर ये लोग ये सोचते है की हम ने अपना फ़र्ज़ निभा दिया क्या ये हकीक़त में ये सही है नहीं बिलकुल नहीं हम ने आज तक उन के घरवालो से जाकर ये नहीं पूछा बो लोग किस हालत में है कुछ शहीद तो अपने घर के अकेले करता धर्ता थे लिकिन हम को इस बात से किया फरक पड़ता है जानते है शहीदों के घरवालो से उन के घर जाकर आज तक कभी कोई खबर नहीं ली गई और उन नेताओं ने नहीं ले जो उसे समय संसद में मोजूद थे संसद पर हमला बरों की सुरक्षा पर तो हम करोड़ो खर्च कर दे गे पर शहीदों के घर वालो पर नहीं
शहीदों के परिवारवाले
कितनी पार्टियों ने वादे किया पर किसी ने कोई पूरा नहीं किया। कोई हमारी बात नहीं सुनता है। यही हमारी नाराजगी है। अगर आतंकवादी संसद के भीतर घुस जाते तो संसद पूरी खत्म हो जाती। परिजनों ने शिकायत करते हुए कहा कि आज तक कोई भी नेता हमारे दरवाजे पर नहीं आया।
सुषमा स्वराज, नेता बीजेपी
आज भी उस हमले की याद मेरे दिमाग में ताजा है। मैं उस वक्त संसद में ही थी। जो इस हमले के लिए गुनाहगार हैं उनको सजा होनी चाहिए।
लाल कृष्ण आडवाणी, नेता बीजेपी
किसी ने अगर ये इम्प्रेशन क्रिएट किया कि इनके साथ न्याय नहीं हुआ तो ये गलत है।
रविशंकर प्रसाद, नेता बीजेपी
संसद हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजली दी है।
मोहन सिंह, नेता एसपी
आज की तारीख हमारे लिए लज्जा जनक भी है और गौरव का दिन भी है जब आतंकियों ने राष्ट्र की अस्मिता पर आक्रमण किया। तब हमारे जवानों ने जो काम किया वो गर्व की बात है, इसके आरोपियों को सजा दिला कर हमें संतुष्टि मिलेगी।
अनंत कुमार
आज हमने संसद हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी है लेकिन अफजल गुरु और कसाब को आज तक फांसी पर नहीं चढ़ाया है। जब इनको सजा मिलेगी वही सही श्रद्धांजलि होगी।
किसी को मोत की सजा देने से इन लोगो का दुःख दर्द दूर नहीं कर सकते केवल हम अपने और शहीदों के परिवार वालो के मन को संतुस्ट कर पाएगे/ तो नेता जी कम से कम आपने जीवन कमे कोई तो कम सही कर लो जिस से आप के पाप कम से कम कम हो जायेगे /

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