यह वही समाजवादी पार्टी है जहा एक ही परिवार के सरे लोग मिलकर एक फेसला लेते थे जहा न कोई चाचा न कोई भतीजा केवल बस एक नेता का होता था पर जिस दिन से मुलायम सिंह बीमार पड़े है उस दिन से इस परिवार में आपसी मन मुटाव शुरु हो गया है ये मनमुटाव हो सकता है उत्तर प्रदेश की कुर्सी के लिए या पार्टी के सुप्रीमो की कुर्सी के लिए हो | जायदा तर मामलो में चाचा ,भतीजा में आपसी मन मुटाव देखने को मिला है जेसा की आज फिर दिखाई दिया |
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और बदायूं से बीएसपी के विधायक डी.पी. यादव के एसपी में शामिल होने की संभावना पर पार्टी बंटती नजर आ रही है। एसपी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि डी.पी यादव के लिए समाजवादी पार्टी में कोई जगह नहीं है, तो दूसरे वरिष्ठ नेता का कहना है कि इस बारे में पार्टी नेतृत्व फैसला करेगा। एक नेता शामिल करता है वही दूसरा नेता कहता है की एसा नहीं हो सकता अखिलेश यादव के सामने तो अजाम खा की भी नहीं चली तो चाचा की किया चलेगी
बाराबंकी में अखिलेश यादव ने डी.पी.यादव के एसपी में शामिल किए जाने की संभावना की खबर के बारे में पूछे जाने पर कहा, ''एसपी डी.पी. को नहीं ले रही है और न ही वह एसपी में आ रहे हैं।' वर्ष 2007 में बदायूं की गुन्नौर सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव जीते डी.पी.यादव पर अखिलेश ने कहा, ''एसपी में मौकापरस्त लोगों के लिए कोई जगह नहीं है।'
उधर, एसपी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान ने रामपुर में मंगलवार को कहा, 'डी.पी.यादव ने मुझसे मुलाकात कर कहा था कि उन्होंने बीएसपी को बुराइयों की वजह से छोड़ दी है और एसपी में आना चाहते हैं। हमें कोई अधिकार नहीं था कि कह दूं कि आप एसपी में मत आइए। इस पर पार्टी नेतृत्व ही निर्णय लेगा।' जहा सारे मीडिया ने ये बात अपने चेनल पर दिखाई और लिखा भी की 'डी.पी.यादव एसपी में शामिल हो गए आज़म के साथ मिलकर बात हुई |इन सब बातो से यह लगता है की सपा बटवारे की तरफ जा रही है जहा कोई एक व्यक्ति फेसला लेने वाला नहीं रहा है कुछ करो मुलायाम सिंह जी नहीं तो जो हल महाराष्ट्र में शविसेना का हुआ एसा हल आप की पार्टी का उतार प्रदेश में होने वाला है

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