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Thursday, 19 January 2012

बुंदेलखंड के चक्कर में अमेठी न भूल जाना


आज जो राहुल गाँधी ने कहा है की कोई बुंदेलखंड का दर्द नहीं जानता में जानता हु, इस में कितनी सचाई है ये तो पता नहीं पर राहुल जी क्या अपने क्षेत्र का हल जानते है वहा की भी जनता भी रोजी रोटी के लिए सडको पर उतर आई है दो दिन पहले उनकी बहिन के सामने वहा की जनता ने अपना दुखड़ा रोया है 
आज राहुल गाँधी ने कहा मतदाताओं से सुश्री उमा भारती जैसी नेताओं से सावधान रहने को भी कहा। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि बुंदेलखंड का दर्द उनसे ज्यादा कोई नहीं जानता। इस इलाके के लोग जब सूखे और कर्ज से परेशान थे तब उनका हाल जानने किसी राजनीतिक दल का नेता नहीं आया।
मुलायम सिंह यादव और मायावती केवल आपने अपने घर पर ही बैठ कर बुंदेलखंड का रोना रोते रहे यहाँ देखने कोई नहीं आया और अब मध्य प्रदेश से उमा भारती आई है इनको भी चुनाव के समय बुंदेलखंड की याद आ रही है चुनाव से पहले कहा थी |
इन को तो खुद मध्य प्रदेश निकला गया है अब उत्तर प्रदेश को देख ने आई है उमा भारती बुन्देलखण्ड का रोना तो रो रही है लेकिन कभी यहाँ आकर नहीं झाका , उन्होंने दावा किया कि इलाके के लोगों का दर्द जानने वह ही यहां आये। बुंदेलखंड की बदहाली को देखने के बाद ही उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से विशेष पैकेज के बारे में बात की।
किसानों को मिले ट्रैक्टर मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के परिवार वाले ले गये और गरीब लोगों को बीमार बकरियां दे दी गयीं।
उन्होंने कहा कि कागजों पर कुएं खोदे गये और उसकी रकम सरकार के मंत्री और अधिकारी खा गये। यदि इसकी जांच नहीं होती तो गरीबों के लिये दिये गये पैसे के घोटाले का पता भी नहीं चलता।
श्री गांधी ने कहा कि वह यहां राजनीति करने या सिर्फ वोट मांगने नहीं आये हैं। राज्य के विकास के लिये वे चिंतित हैं | पर राहुल गाँधी ने पेपर या न्यूज़ देखने का शायद समय नहीं मिल रहा है इस तरह से उमा भारती को यहाँ लाया गया है और उन्होंने ने बुंदेलखंड को आकर नहीं देखा तो राहुल जी आप के संसदीय क्षेत्र में भी आप का विरोध हो रहा है लोग वहा भी रोज़ी रोटी के लिए तरस रहे है एसा न हो की बुंदेलखंड के चक्कर में अमेठी को भूल जाओ।  

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