पहले जनता और फिर विपक्ष और खुद भाजपा ये कहती नज़र आ रही है की उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री जो भी होगा वह कोई भी बाहरी नहीं होगा ये इशारा उमा भारती की तरफ करते हुए कलराज मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया के सामने कही की भारती को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह यूपी की नहीं हैं, बाहरी हैं
बीजेपी वाइस प्रेजिडेंट कलराज मिश्रा का, जो खुद गद्दी की दौड़ में अहम उम्मीदवार बताए जा रहे हैं। हालांकि मंगलवार को मीडिया में मिश्रा का वह बयान छाया रहा जिसमें उन्होंने यूपी की भावी मुख्यमंत्री के तौर पर ।
बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने एलान किया था कि यूपी चुनाव स्टेट यूनिट प्रेजिडेंट सूर्य प्रताप शाही, पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह, कलराज मिश्रा और उमा भारती की अगुआई में लड़े जाएंगे। इससे अंदाजा लगाया जा रहा था कि पार्टी इन्हीं में से किसी को यूपी की बागडोर सौंपेगी। इस बयान पर चर्चा करते हुए मिश्रा ने कहा कि चूंकि शाही पहले ही स्टेट यूनिट के प्रेजिडेंट हैं इसलिए वह एक साथ दो पद नहीं रख सकते, राजनाथ सिंह पहले ही कह चुके हैं कि मैं राज्य स्तर की राजनीति में हिस्सा नहीं लूंगा और लोध समुदाय की साध्वी उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। हालांकि इसके बाद मिश्रा ने यह भी जोड़ा कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
असल में जब से गडकरी ने एलान किया है कि उमा महोबा की चरखारी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी, तभी से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भावी मुख्यमंत्री हो सकती हैं। इसे इस बात से और मजबूती मिलती है कि वह ओबीसी नेता है और फिलहाल बीजेपी जी-जान से इस वर्ग को लुभाने में जुटी हुई है।
कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी ने भी उमा भारती को यूपी से बाहर का बताया था, जिस पर उमा भारती ने राहुल को जवाब दिया था कि अगर सोनिया गांधी इटली से भारत आ सकती हैं तो वह मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश क्यों नहीं। अब वह कलराज मिश्रा को क्या जवाब देगी इस के लिए उन को जवाब ख़ोज ना पड़ेगा ।

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