rediff

click here

rediff2

click here

times

shardul

click here

Tuesday, 6 March 2012

ढका हाथी लाख का खुला हाथी खाक का


उत्तर विधान सभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी अब तक सब को धुल में उड़ाती नज़र आती थी, पर आंधी ज्यादा जोर से आई और खुँद ही उड़ गयी 
सरकार या बहुजन समाज पार्टी को जनता ने नहीं नाकारा और ना ही उन का वोट बैंक इतना कम हुआ है आज भी 28% वोट बैंक उन के पास है 
उत्तर प्रदेश की राजनीती मायावती चला रही थी पर सरकार केवल चार नोकर शाह चला रहे थे जिन्होंने मायावती को केवल दर्शक के रूप में एक कमरे में बंद कर दिया हो और खिड़की पे बेठा दिया हो की यहाँ से बेठ कर खिड़की से बहार देखती रहो की सरकार की नईया केसे दुबई जाती है मायावती का अपने पार्टी कार्यकर्ताओ  से ना मिलना जनता से ना मिलना पार्टी के कार्यकर्ताओ से ज्यदा नोकर शाह पर भरोसा करना यही बात सही में बहुजन समाज पार्टी को लेडूबी और इन सब ने मिलकर खूब भ्रष्टाचार किया ये एक बड़ा मुदा रहा इस चुनाव में विकास को हम नहीं नकार सकते विकास हुआ है आज उत्तर प्रदेश की विकास दर 8.4 है जो कभी नहीं रही | अपने से जादा दुसरो पर भरोसा नहीं करना चाहिए था 2007 में बड़ी उमीद के साथ जनता ने सत्ता की चावी दे थी पर इस को मायावती सम्भाल नहीं पाई और नतीजा आज सब के सामने है |
अब जब सत्ता चली गयी है तो अब मायावती ये ना करे जो हर वार करती है की दिल्ली जा कर बैठ जाती है इस हर पर मंथन किया जाना चाहिए की कहा कमी रह गयी सत्ता चलने में| और ये कहावत उलटी हो गयी की खुला हाथी लाख का ढका हाथी सवा लाख का जेसे ही हाथी को खोला वह खाक का हो गया|      

No comments:

Post a Comment