संसद में बेठे अगर इन मंत्रियों और सांसदों को अगर इन का आइना देखाओ तो इन की चीख निकल जाती है और ये लोग शोर मचाने लगते है की हम लोकतंत्र के सब से उच्च पद पर हम बेठे है और हम को कोई भला बुरा कहता है तो वह लोकतंत्र का अपमान कर रहा है और टीम अन्ना को बख्शा नहीं जायेगा।
हकीक़त है जो सही राह देखता है वह और उसकी बाते हमेशा से बुरी लगती है अन्ना इन सांसदों को आइना दिखाया है पर कहते है ना उल्टा चोर कोतवाल को डाटे सारे सांसदों ने उल्टा इलज़ाम अन्ना और उन की टीम पर लगाना शुरू कर दिया कि कहीं देश को अस्थिर करने के लिए कोई विदेशी ताकत इस आंदोलन के पीछे तो नहीं है। अन्ना को अपने सहयोगियों को अपशब्दों का इस्तेमाल करने से रोकना चाहिए।
सांसदों को चोर और लुटेरा बताने के लिए टीम अन्ना की सोमवार को लोकसभा में एक स्वर से कड़ी आलोचना की गई और इस बात की छानबीन कराने की मांग की गई अन्ना की गिरफ्तारी के समय उन्होंने उनका पूरा साथ दिया। सदन के कई सदस्यों ने जंतर-मंतर पहुंच कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना की मुहिम का समर्थन किया था, लेकिन उसी टीम अन्ना के सदस्य आज उन्हें चोर, लुटेरा और बलात्कारी बता रहे हैं, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
सुषमा स्वराज ने कहा कि लगता है कि टीम अन्ना के सदस्य भटक गए हैं। वे लोकपाल विधेयक संसद से पारित कराना चाहते हैं और उसके सदस्यों को अपमानित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद जैसी संस्थाएं टूट जाएंगी तो लोकतंत्र नहीं बचेगा। तो मदम से पुचा जाये की अब कोण सा लोकतंत्र बचा है देश का अरबो खरबों रुपया का घोटल कर कर ये लोग संसद को अपमानित नहीं कर रहे है आज सब एक ही सुर में बोल्राहे है क्यों की कोई नहीं चाहता की लोकपाल बिल आये और इन की गले की हडी बने लोकतंत्र अपमानित अन्ना की वजह से नहीं संसद में बेठे लोगो की वजह से हो रहा है जो वहा बेथ कर घोटाले प् घोटाले करते है देश के पेसे को विदेशी बांको में रखते है । वो तो हमारी देश की जनता बड़ी भोली है जो वोट देते समय नहीं देखती की कोन सही है या नहीं और चुप चाप सारे दर्द को सहती रहती है ।
सुषमा स्वराज ने कहा कि लगता है कि टीम अन्ना के सदस्य भटक गए हैं। वे लोकपाल विधेयक संसद से पारित कराना चाहते हैं और उसके सदस्यों को अपमानित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद जैसी संस्थाएं टूट जाएंगी तो लोकतंत्र नहीं बचेगा। तो मदम से पुचा जाये की अब कोण सा लोकतंत्र बचा है देश का अरबो खरबों रुपया का घोटल कर कर ये लोग संसद को अपमानित नहीं कर रहे है आज सब एक ही सुर में बोल्राहे है क्यों की कोई नहीं चाहता की लोकपाल बिल आये और इन की गले की हडी बने लोकतंत्र अपमानित अन्ना की वजह से नहीं संसद में बेठे लोगो की वजह से हो रहा है जो वहा बेथ कर घोटाले प् घोटाले करते है देश के पेसे को विदेशी बांको में रखते है । वो तो हमारी देश की जनता बड़ी भोली है जो वोट देते समय नहीं देखती की कोन सही है या नहीं और चुप चाप सारे दर्द को सहती रहती है ।

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