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Saturday, 29 December 2012

माँ में जीना चाहती हु : दामनी


दिल्ली गेंग रेप पीड़ित दामनी भले है हमेशा के लिए सो गयी हो पर उस ने आज पुरे देश को जगा दिया है,जीवन और मोत के लिए लड़ रही दामनी मोत से आखरी वक़्त तक लड़ती रही पर मोत के आगे उसकी एक न चली आखरी समय तक अपनी माँ से यही कहती रही की माँ में जीना चाहती हु । दामनी की आखें भले ही हमेश के लिए बंद हो गई पर देश के लोगो को सिखा गयी की किस तरह से अपने हक़ के लिए लड़ा जाता है ,ऐसा  आज़ादी के 65 साल बाद एस पहली बार हुआ है कि इस देश की जनता किसी को इंसाफ दिलाने के लिये,पूरा देश एक साथ खड़ा हुआ हो ,संसद से लेकर सड़क तक बस यही माग की इन बलात्कारियों को फासी की सजा हो और महिलाओ की सुरक्षा व्यवस्था के लिए नया कानून बनाया जाये जिस से आने वाले वक़्त में दामनी की तरह कोई और लड़की बलात्कार की शिकार न बने और इस हेवानियत को अंजाम देने से पहले दस बार अपराधी सोचे की उसका हश्र क्या होगा आज देश के हर व्यक्ति के अन्दर गुस्सा है चाहे वह बूढ़ा ,बच्चा महिला या पुरुष हो हर कोई अपनी सुरक्षा की मांग कर रहा ही महिला अपनी तो पुरुष अपनी माँ, बेटियों और बहनों की कही उस के परिवार और देश में दामनी जेसा दर्द किसी और को सहना पड़े । लेकिन हर समस्या का हल कानून ही नहीं हम को भी आगे आना होगा , अगर दस पुरषों में एक महिला अकेली है और भले ही उस को एक से ख़तरा हो तो बाकी नौ लोगो को उस की रक्षा करनी होगी हमे लड़ना होगा हर उस महिला के लिए जो किसी की माँ-बेटी या बहन है,हमे बताना होगा समाज को की बेटिया ही किसी के घर की शोभा बनती है ये बेटिया ही हमारी माँ -बहिन और बीबी बनती है ये ही है जो सच में हमारे बंश को आगे ले जाती है हमे अपनी  कोख़ से जन्म देती है लेकिनक्या हम ये सब कर पाएगे या दामनी की यादो के साथ धीरे धीरे सब खत्म हो जायेगा नहीं अब ऐसा  नहीं होगा क्यों अब भारत जाग रहा है अब लोग जाग रहे है जमाना जाग रहा है और दामनी का ये बलिदान खली नहीं जायेगा ।         


Sunday, 25 November 2012

कसाब की तुलना शहीद भगत सिंह से क्यों ?


बाबा रामदेव कसाब की फासी पर ऊँगली उठानी शुरू कर दी है , और केंद्र सरकार के ऊपर इलज़ाम लगाया है की उस ने कसाब को फासी देकर हीरो बना दिया है । कसाब को फासी देकर सरकार ने आतंकियों के सामने घुटने टेक दिए है । 
बाबा रामदेव ने अब तक सरकार को काले धन को लेकर घेरा है और इस बात से हर हिन्दुस्तानी का पता चला की हमारा कितना धन विदेशो में जमा है अगर वह वापस आजाये तो भारत की अर्थ व्यवस्था और सही हो जायगी । लेकिन आज के इस बयां से बाबा रामदेव क्या कहना चाहते है । भगत सिंह की फासी और कसब को दी गयी फासी से तुलना कर दी । कसाब एक आतंकवादी था जिस के हट मासूमो के खून से रंगे थे और भगत सिंह एक सच्चा देश भक्त जिस ने अपने प्राणों को इस देश की आजादी के लिए नोछावर कर दिए । कस्साब की फासी तय तारीख पर हुई ,हो सकता था सरकार अगर इस को सब के सामने बताती की फासी कब कहा और किस समय दे जायेगी तो हो सकता है वह हीरो बन जाता क्यों की लोग फासी के समय जेल के आस पस्स जरुर जाती मीडिया भी इस से पीछे नहीं रहती वह भी वहा पहुच जाती और वह बन जाता रातो रत हीरो जिस  फासी हुई उस  के   भी न्यूज़ चेनल पर कसाब को लेकर ज्यदा न्यूज़ नहीं देखने को मिली पर हम तुम इस मामले को तूल देकर जरुर कसाब को हीरो बना रहे है । सरदार भगत सिंह को अंग्रेजो ने धोके से मारा उस को एक दिन पहले फासी दे दी गयी उस की लाश को भी उस के परिवार वालो के हवाले नहीं किया और जल्दी जल्दी में उसका शव को नदी में बहा दिया ।
सरकार ने कसाब को तेय समय पर फासी दी सव को पाकिस्तान में लेने की भी बात कही पर उन्होंने शव लेने से मन कर दिया । कोई व्यक्ति देश का हो बहार का हो भले ही वह आतंकवादी है क्या हमारा ज़मीर हमारा देश या संस्क्रति इस बाद के लिए कहती है की किसी के शव को उसके धर्म के मुताबिक उसका अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिये । कसाब को फासी देकर सरकार ने अपने घुटने नहीं टेके है बल्कि सबक दिया है उन आतंकियों को की इस देश आतंक वाद फेलोगे तो इसी तरह फाशी पर लटका दिए जाओगे । में तो घोर निंदा कर ता हु एक देश भगत की फासी और एक आतंकवादी की फासी को एक समान बताने वाले बाबा राम देव की । 


    

Saturday, 24 November 2012

उत्तर प्रदेश के किसानो पर पड़ेगी बढ़ते ब्याज की मार।


उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बने हुए आठ महीने का समय हो गया है चुनाव के समय अपने घोषणा पत्र में जो किसानो के लिए 50000 हज़ार कर्ज माफ़ी की घोषणा की गयी थी ,मार्च के बाद से ही किसानो ने अपने कर्ज की किश्तों का भुकतान नहीं किया क्यों की सब को यही उम्मीद थी की 50000 हज़ार रूपए तक का क़र्ज़ सभी किसानो का माफ़ हो जायेगा ,लेकिन क़र्ज़ माफ़ी के चक्कर में किसानो को बडते ब्याज की मार झेलनी पड़ेगी । 
अगर किसान मार्च में अपना क़र्ज़ चुकाते तो :- 3% का ब्याज 
अब भुगतान करना :- 12.70 % ब्याज दर से जिस में 2% का पेनल्टी शुल्क शामिल है 
और अगर इस कर्ज जी वसूली तहसील दुआरा या अमीन करते है तो 10% कनेक्शन शुल्क और देना पड़ेगा।
यानि की अगर किसान ने अपना कर्ज नहीं दिया तो उसको मूलधन पर कुल 22.70% का ब्याज देना पड़ेगा   
और कर्ज भी उसी व्यक्ति का माफ़ होगा जिस व्यक्ति ने अपने मूलधन का 10% जमा किया है या उस किसान की भूमि बेंक के पास राखी हो उसी किसान का कर्ज माफ़ होगा और किसी का नहीं । प्रदेश सरकार ने भ्रमित कर के किसानो का वोट बेंक तो हासिल कर लिया मगर अब छोड़ दिया ब्याज के  मरने के लिए ।
किसान इसी आस में रहे की हर किसी किसान का कर्ज माफ़ होगा मुलायम सिंह के जन्म दिन पर जो सोगात किसानो को दी गयी उस से कुछ ही किसानो के चेहरे खिले है बाकि किसानो को मायूसी हाथ लगी है और सर पर चढ़ गया है ढेर सारा ब्याज 50000 हजार का कर्ज चुकाने में तो किसानो को अपना खून पसीना एक करना पड़ गया , लेकिन जो कर्ज पर आज ब्याज चडा है उस को चुकाने में तो किसानो को अपनी जान गवानी पड़ जायेगी । देश प्रदेश में किसानो दुआर जो आत्महत्या की जा रही है क्या वह पहले से कम है जो सरकार उन्हें कर्ज माफ़ी का लालच देकर किसानो के सर पर बड़ते हुए ब्याज का भार डाल कर और कर्ज के दल दल में धकेल दिया


Wednesday, 21 November 2012

क्या होगा संसद शीतकालीन सत्र का ?

संसद शीतकालीन सत्र आज से शुरू भारी हंगामे की आशंका 
आज से शुरू होने वाला संसद का शीतकालीन सत्र क्या चल पायेगा ?
ऐसे न जाने कितने सवाल इस देश के हर व्यक्ति के मन में चल रहे होगे कही पिछली बार की तरह
हंगामे की भेट चढ़ जायेगा इस बार भी ये सत्र संसद वह जगह है जहा देश के हर क्षेत्र से हमरे संसद कुछ सवाल लेकर आयेगे और सरकार से उसका जवाब मागेगे पर क्या ये हो पायेगा या हम होगे शर्मशार क्यों की यहाँ हो सकता है हंगामा बन सकता है यहाँ अखाड़ा ।क्यों की लोगो की नहीं है मंशा पहले इन को चाहिए अपने सवालो के जवाब :-
एफ डी आई के मुद्दे को लेकर टकराव साफ दिखाई दे रहा है ।
सरकार के खिलाफ आविश्वास प्रस्ताव ला सकती है तर्मुल कांग्रेस ।
बीजेपी का कहना है की एफ .डी . आई मुद्दे पर वोटिंग होनी चाहिए ।
बसपा प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सवाल उठयेगी ।
आविश्वास प्रस्ताव से रहेगी दूर ।
सपा ने कोई भी पते नहीं खोले है
184 के तेहत चर्चा हो मत विभाजन वोटिंग की मांग ।
वोटिंग के पक्ष में नहीं है सरकार ।
25 विधयेक पास होने है 16 दिन में क्या एसा हो पायेगा ?
क्या लोकपाल बिल होगा पास लोकायुक्त होगा और मजबूत ।
विपक्ष सत्र के दोरान दुसरे मुद्दों को लेकर सरकार को क्यों नहीं घेरती है।
यही मोका होता है जब सरकार से सरे मुद्दों पर सरकार से सवाल किये जाये और जवाब
मांगा जाये एक ही मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना सरकार को गिरना क्या यही है । विपक्ष का काम
महगाई आज का सब से बड़ा मुद्दा है, विकास ,देश में हो रहे घोटाले भ्रष्टाचार भी बहुत बड़ा मुद्दा क्या कर रही है। इन सब को रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है ? इन सब से परे हट ती हुई दिखाई दे रही है विपक्ष का कहना है की महगाई भ्रष्टाचार जेसे मुड़े पर पहले भी कई बार बहस हो चुकी है एफ डी आई नया मुद्दा है ।
क्या ये सही है आप लोगो की राय चाहिए ?   

Tuesday, 20 November 2012

कसाब को फासी अफजल गुरु को कब



आज सुबह का दिन मुंबई हमले में मरे गये निर्दोष लोगो को श्रधांजलि दिन के रूप में जाना जायेगा क्यों की आज सुबह 7.30 बजे मुंबई हमले का दोषी अजमल कसाब को फासी दे दी गयी। 2008 में मुंबई हमले का दोषी कसब 26 नवम्बर को गिरफ्तार किया गया था। कसाब ने फासी माफ़ी के लिये राष्ट्रपति के यहाँ अपनी याचिका भेजी थी उस याचिका के ख़ारिज होने के बाद से ही ये अनुमान लगाया जा रहा था की अब कसब को फासी निश्चित है और आखिर आज 21/11/2012 को कसब को फासी दे दी गयी। जिस तरह से सरकार ने अजमल कसब की फासी में देरी नहीं लगायी तो संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के मामले में देरी क्यों कर रही है अफजल गुरु 13/12/2001 को संसद हमले का मुख्य आरोपी है ये हमला हमारे लोकतंत्र पर हमला था कोर्ट ने फासी की सजा सुनाये जाने के बाद दया याचिका राष्ट्रपति के यहाँ विचाराधीन है । जीतनी जल्दी कसाब की फासी में दिखाई उतनी ही देरी अफजल गुरु की फासी में की जा रही है । अफजल गुरु की फासी की सजा को उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने बरकरार रखा कांग्रेस सरकार मोहम्मद अफजल गुरु की फासी के मामले में कुछ भी कहने में कतरा रही है और मामले को राष्ट्रपति के पास दया याचिका होने का हवाला देती है।

    

Sunday, 18 November 2012

मुंबई का शेर कोन बाला साहब ठाकरे

बालीबुड की एक फिल्म 'सत्य' जिस में मनोज बाजपेयी का एक डायलाग था की मुंबई का किंग कोन 'भीकू महत्रे' लेकिन असल में मुंबई का किंग भीकू महत्रे  शिव सेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे थे । शिव सेना पार्टी का जो झंडा है उस पर भी शेर का चिन्ह है या उस झंडे पर बाला साहब ठाकरे का फोटो इसी लिए बाला साहब ठाकरे को महाराष्ट्र का शेर के नाम से जाना जाता था और आगे भी जाना जायेगा इस इस शेर की जगह कोई भी नहीं ले सकता । बाला साहब ठाकरे को आज अंतिम विदाई देने के लिए सारा मुंबई शहर का जन सेलाव शिवाजी पार्क की तरफ चल दिया है । कहते है जब शेर बुढा हो जाता है तो वह अपनी मदान में चुप जाता है लेकिन बाला साहब ठाकरे इसे शेर थे जो आखरी समय में भी अपने विरोधियो पर गरजे उन्होंने आखरी समय में कहा था की मेरा शरीर साथ नहीं दे रहा है मगर मेरा मन आज भी आप के लिए कुछ करने का मन करता है उन्होंने जाते जाते अपने सेनिको से कहा की अब तक मेने आप को और शिव सेना को चलाया अब आप लोग चलाये । बाल ठाकरे की सब से बड़ी खासियत ये थी की जो उन्होंने जो एक बार कह दिया वह कर के दिखाया और उस बात से कभी भी पीछे नहीं हटे । बाला साहब ठाकरे की पहचान किसी राजनीती व्यक्ति की नहीं रही उन्होंने हमेशा लोगो के बीच में रहकर लोगो को जोड़ने का कम करते थे उन्होंने हमेश लोगो को हक़ की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया । बाला साहब एक ऐसे शख्स थे जो आम आदमी थे अगर ये एक आम आदमी हमेश शेर की तरह जिया जिस की एक आवाज़ पर पूरा महाराष्ट्र सडको पर निकल आया करता था । जब पहली बार बाला साहब ठाकरे को गिरफ्तार किया गया तो सारा मुंबई सडको पर था । लेकिन आज वह हमारे बीच नहीं रहे आज उनके पार्थिव शारीर को अंतिम विदाई दी जा रही है ।       



Saturday, 17 November 2012

पोंटि चड्ढा की मोत का कारण उस का सम्राज

मुरादाबाद के निवासी और उत्तर प्रदेश के सब से बड़े शराब माफिया पोंटि चड्ढा की हत्या उन्ही के भाई हरदीप चड्ढा दुरा कर दी गयी इस ख़बर से पुरे चड्ढा गुरुप और मुरादाबाद शहर में शोक की लहर है । मुरादाबाद के लाजपत नगर के छोटे से घर में रहने वाले पोंटि चड्ढा आज पुरे 50 हज़ार करोड़ की सम्पति के मालिक थे इसी सम्पति को लेकर इन दोनों भाइयो में झगडा चल रहा था और दोनों की मोत का कारण भी यही यही संम्पति बनी । 6 हज़ार का शराब का कारोबार हजारो करोड़ो की प्रोपर्टी का कारोबार था पोंटि चड्ढा का 4000 शराब की दुकाने थी , शुगर मिले पेपर मिले शोपिंग मॉल ,फिल्म बनाने तथा फिल्म बेचने का कारोबार था , राजनीती में भी अपनी अच्छी पकड़ थाई पोंटि की 2003 से मायावती की सरकार के बाद पोंटि का कारोबार दिन दुगनी रात  चोग्नी तरकी करी । पोंटि की मोत के बात सब से बड़ा सवाल यही खड़ा होता है की इस विशाल प्रोपर्टी का मालिक कोन होगा उत्तर प्रदेश , पंजाब, हिमाचल प्रदेश में अपना लोहा मनवा चूका था पोंटि चड्ढा । लिकिन पोंटि च्द्दाहा ने कभी नहीं सोचा होगा की इतनी बड़ी प्रोपर्टी का मालिक या व्यवसाय का मालिक होने के बाद भी इस तरहा से उस की मोत होगी । पोंटि चड्डा की मोत के तुरंत सभी मॉल को बंद कर दिया गया सभी सनीमा हेलो को भी बाद कर दिया गया सभी लोगो के पेसे को बापस करदिये गए । कुछ भी कहो पोंटि का अपना सम्राज था और उसी पर वह राज करता था और इसी वजह से परिवार में उस सम्राज को लेकर आपस में विवाद उत्पन होना शुरू होगया था और यही पोंटि की मोत का कारण बन गयी ।    

पोंटी चड्ढा और हरदीप चड्ढा की मोत

मुरादाबाद के चड्ढा परिवार और शराब के बहुत बड़े कारोबारी पोंटि चड्ढा के भाई हरदीप चड्ढा की महरोली फार्म हॉउस पर हत्या । पिछले कुछ दिन पहले मुरादाबाद में उनके घर पर भी हुई थी फायरिंग  पोंटि चड्ढा उत्तर प्रदेश के सब से बड़े शराब के कारोबारी है वेब के नाम से मॉल है फिल्मे भी बनाते है ,पिछले कुछ दिन पहले मुरादाबाद में फायरिंग के बाद सामने ये आया था की इन में आपस में सम्पति को लेकर चल रहा था विवाद पोंटि चड्ढा के भाई की मोट का शायद यही कारण मन जा रहा है जी में दो गार्ड घायल हुए है दोनों फोर्टीज अस्पताल में भर्ती ।  


Monday, 5 November 2012

रामपुर सीआरपीएफ हमलावारो को माफ़ी की तयारी

आज कल उत्तर प्रदेश सरकार जिस तरह से आपराधिक मुक़दमे वापस ले रही है उस को देख कर यही लगता है की उत्तर प्रदेश में कोई भी व्यक्ति अपराधी नहीं है जो भी अपराधिक घटनाएं यहाँ होते है या अपराध होता है उस में किसी व्यक्ति विशेष का हाथ नहीं होता है बस हवा में ये सब हो जाती है और बेचारे लोगो को झूठा फसा दिया जाता है । उत्तर प्रदेश सरकार ये कहती है की पिछली सरकार ने केवल बदले की भावना से इन लोगो को फसाया और इन पर मुकदमो को लड़ा गया है जबकि आज के हाई कोर्ट के फेसले के मुताबिक मायावती को और उनकी सरकार के मत्रियो को फसाया गया है उस पर कोर्ट ने आदेश दिया है। मिश्रा ने कहा कि जो भी पीआईएल दायर हुई थीं वह राजनीतिक द्वेश से दायर की गई थीं। मुरादाबाद में डी आई जी  पर जो हमला हुआ था उस में जितने भी लोगो को अभियुक्त बनाया गया था उन पर से मुकदमो को हटा दिया गया है भट्टा परसोल में जो घटना घटी थी उस मामले से सम्बंधित सभी मुक़दमे बापस ले लिए गए है अमर सिंह ,संजय दत्त ,अमिताभ बच्चन के ऊपर से भी सभी मुकदमो हटा दिया गया है । पर इन से हट कर एक मुकदमा है जिस में देश की रक्षा करने वाले देश के वीर जवान वह भी 7 जवान शहीद हो गये थे उन आतंकियों से भी मुक़दमे बापसी की तयारी है ये मामला कुछ हज़म नहीं हो रहा है क्या देश से बड कर इन नेताओ की कुर्सी हो गयी है क्या ? जहा 2007 में सारा देश नये साल की खुशिया मन रहा था, लोग नए साल के जश्न में डूबे हुए थे वाही ये आतंकी  सीआरपीएफ रामपुर में हमले की तयारी कर मामले को अंजाम दिया इस हमले में 7 जवान और एक रिक्शे वाले को अपने प्राण गवाने पड़े। इस हमले के 40 दिन बाद आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें दो पाकिस्तानी थे, तब से मामला कोर्ट में है। अब करीब पांच साल बाद शासन ने प्रशासन को एक गोपनीय पत्र जारी करते हुए इस केस को वापस लेने के संबंध में रिपोर्ट तलब की है। प्रशासन ने इस मामले की पैरवी में जुटे शासकीय अधिवक्ताओं से राय मांगी है। शासकीय अधिवक्ताओं के पैनल ने केस वापस लेने की कवायद पर अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है। अधिवक्ताओं केपैनल ने अपनी रिपोर्ट में साफ किया है इस केस को वापस लेने से सुरक्षा तंत्र को खतरा पहुंचेगा, क्योंकि इसके पीछे लश्कर-ए-तोएबा जैसे खतरनाक संगठन का हाथ था। वहीं इस मामले में आला अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। इन सब के पीछे उत्तर प्रदेश सरकार की क्या मनसा है ये बता पाना मुश्किल है पर जहा सरकार प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने की बात कर रही है क्या इस तरह से अपराधियों से मुक़दमे वापस लेकर उन को फिर से प्रदेश में अपराध करने के लिए झोड़ रही है अगर सरकार से पुचा जाये की इन हमलो में जो शहीद हुए है कभी उन के घर जा कर उन का हल चल लिया या उन के परवर की आर्थिक मदत के लिए सरकार ने क्या करा तो इस का जवाब हमे एक छुपी के रूप में मिलेगा क्या इन शहीदों की शहादत का तोफा इन आतंकियों को मुक्त करना है|   
 

Sunday, 4 November 2012

सपा दे सकती है लालबत्ती का लालच



मुरादाबाद :- मुरादाबाद की कांठ  विधानसभा से पीस पार्टी के विधायक  अनीस उर रहमान ने कहा है की अभी किसी भी विधायक ने इस्तीफा नहीं दिया है और वह सब पीस पार्टी में ही है। हां 10 नवम्बर को पीस पार्टी के नाराज़ विधायक को होने वाली मीटिंग तय करेगी की क्या करना है । क्यों की पीस पार्टी 2012 के विधान सभा चुनाव में एक पार्टी के रूप में आई और 4 सीटो जितने में भी कामयाब भी रही तभी से ये अटकले लगायी जा रही थी की पीस पार्टी लोकसभा चुनाव में भी कही एसा चमत्कार न कर दिखाए क्यों की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब अंसारी ने अपनी इस पार्टी के माध्यम से मुस्लिम मतदाताओ को रिझाने में कामयाब रही उधर मुस्लिम वोट बैंक जो की सपा का वोट बैंक माना जाता है उस पर पीस पार्टी कही सेंध न मर दे , और लोक सभा चुनाव को नजदीक देखते हुए सपा ये नया पत्र फेक रही है जिस से पीस पार्टी में दरार उत्पन हो और अस्तित्व में आने से पहले ही पीस पार्टी का खात्मा हो जाये इन विधायको तोड़ने के लिए सपा सरकार इन विधायको को लालबत्ती का लालच भी दे सकती है लालबत्ती के लालच में अगर विधायक टूटते है तो पीस पार्टी के लिए मुश्किल कड़ी हो जायेगी और आने वाले लोक सभा चुनाव में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब अंसारी केसे यकीं दिलाये गे की उनकी पार्टी से जो जीतेगा वह बाद में भाग कर किसी दूसरी पार्टी में नहीं जायेगा । अब साडी बाते 10 नवंबर की ही मीटिंग तय करेगी की ये तीनो विद्गायक किस के साथ जाते है सपा के या पीस पार्टी में ही रह कर पानी पार्टी को मजबूती देगे ।विधायको का टूटना दूसरी पार्टी में जाना ये कोई उत्तर परदेश की राजनीती में पहली बार नहीं हो रहा है इस से पहले मायावती की 2004 की सरकार इसी वजाहा से गिर गयी थी 30 से भी जयादा मंत्री बसपा का साथ छोड़ कर सपा में चले गए थे । अब तो ये देखना है की पीस  पार्टी की मुश्किलें बडती है या कम होती है ।      

Saturday, 3 November 2012

सपा सरकार के नम्बर कटे :-बेनी प्रसाद वर्मा


आज इस्पात मंत्री ने सपा सरकार पर एक तरफ़ा राजनीती की बात कही उन्होंने कहा है की देश में हर तबके का व्यक्ति रहता है तो केवल एक ही समुदाय को फायदा क्यों पहुचाया जा रहा है, साथ ही में भाजपा को भी बीच में लपेटते हुए दोनों के लिए वोट बैंक की राजनीती कर ने वाले बताया उन्होंने कहा है की मुख्य मंत्री अखिलेश यादव की सरकार केवल मुसलमानों का वोट हासिल करने के लिए अकेले मुसलमानों को फायदा पहुचा रही है मुस्लिमो की बेटियों के लिए 30-30 हज़ार रूपए बाटे जा रहे है उत्तर प्रदेश की सरकार को केवल मुस्लिम ही नज़र आरहे है दलित और पिछड़े नहीं सामान्य जाती के लोग भी गरीबी रेखा के नीचे रहते है अगर लाभ देना है ही तो गरीबो को दिया जाये केवल एक समुदाय को नहीं । बेनी प्रसाद ने उत्तर प्रदेश में होने वाले दंगों पर भी चिंता जताई और सीधे तोर पर सरकार को जिम्मेदार बताया । उन्होंने सीधे-सीधे कहा है की ये सरकार मुस्लिमो के वोट का सोदा कर रही है ये सब लाभ देकर । एक तरफ जहा उत्तर प्रदेश सरकार को बेनी प्रसाद वर्मा पुरे में से पुरे नम्बर दे रहे थे वही आज सरकार और सरकार के मंत्रियो पर ख़राब राजनीती का आरोप लगाया उत्तर प्रदेश में जब से सपा की सरकार बनी है तब से साम्प्रदायिक दंगे भी बड़े है। आज के बयां से तो साफ लगता है की नम्बर उन्होंने दिए थे आज वह उन नम्बरों में कटोती करते नज़र आरहे है ।
    


क्या होगा पीस पार्टी का ?

उत्तर प्रदेश की राजनीती में दिन बड़ा हल चल वाला रहा यू .पी की राजनीती ने पीस पार्टी ने अभी अपने कदम जमाये नहीं की उखड़ने पहले शुरू हो गए जहा आज तीन विधायक पिस पार्टी से अलग हो गए वाही ये तीनो विधायक समाज वादी पार्टी में शामिल होगये है इन में से अखिलेश पिस पार्टी से रायबरेली से विधायक है । क्या होगा इन छोटी पार्टियों का ? जो शुरू होने से पहले है खात्मे की और अगर्सर हो जाती है लोक सभा चुनावो को देखते हुए से सपा के लिए प्लस पॉइंट है की तीन विधायक और शामिल हो गए है उनकी पार्टी में देखना ये है की लोक सभा चुनाव में सपा को कितना फायदा होता है लेकिन अभी तक पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष याकूब अली का किसी तरह का बयां नहीं आया है इस मामले को लेकर राजनीती के गलियरो में ये तो नहीं हो रहा है की पीस पार्टी का सपा में विलय हो रहा हो लेकिन अभी कुछ नहीं कहा जा सकता सपा और पीस पार्टी की तरफ से इन बातो को लेकर कोई बयां नहीं आया है।

Tuesday, 30 October 2012

कांग्रेस ने फायदे के लिए राजीव गाँधी की हत्या पर डाला पर्दा


आज पुरे देश में कांग्रेस सरकार की भ्रष्टचार ,घोटाले और मंहगाई को लेकर किरकिरी हो रही है,और भ्रष्टाचार में फसे मंत्री को हटाने की जगह उन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। दूसरी तरफ राजीव गाँधी हत्या मामले में एक किताब जिसका नाम  'कंस्पिरेसी टु किल राजीव गांधी - फ्रॉम सीबीआई फाइल्स'है जिसमे खुलासा किया गया है की राजीव गाँधी हत्या की जाँच में सबूतों को छिपाया गया था, ये इसलिए किया गया था की लोकसभा चुनाव में कही कांग्रेस को शर्मिंदा न होना पड़े , 21/5/1991 को तमिलनाडु में एक रेली के दोरान हत्या कर दी गयी थी , धनु नाम की एक महिला ने अपने शरीर पर बम बांध रखा था इसी महिला ने घटना को अंजाम दिया था जिस में राजीव गाँधी की मृत्यु हो गयी थी । हत्या की जाँच कर रही तमिलनाडु पुलिस का कहना था की रेली में राजीव गाँधी के आने के बाद ये महिला राजीव गाँधी के पास गयी थी जब की  'कंस्पिरेसी टु किल राजीव गांधी - फ्रॉम सीबीआई फाइल्स' किताब के लेखक और इस हत्या के मुख्या जाँच अधिकारी रहे रागोथामन के अनुसार एक विडियो टेप को हटा दिया था इस विडियो टेप मेये साफ देखने को मिल रहा था की मानव बम बनी धनु नाम की महिला और उनके साथी रेली वाले सुरक्षित घेरे में कम से कम दो घंटे तक घूमते रहे थे राजीव गाँधी के आने बाद ये लोग राजीव जी के पास गए और घटना को अंजाम दिया । रागोथामन ने अपनी किताब लिखा है, कि इस लापता विडियो के बारे में जांच हुई थी लेकिन स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम के प्रमुख डीआर कार्तिकेयन ने एमके नारायण को छोड़ दिया। नारायण इस वक्त पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं। विडियो टेप को आईबी ने ही एक कैमरामैन से हत्या के अगले दिन बरामद किया था। लेकिन हत्याकांड की जांच कर रही टीम को यह टेप कभी नहीं दिया गया । इस बात का खुलासा रागोथामन ने अपनी किताब में किया है ।

कहते है की राजनीती और जंग में सब कुछ जायज है ये बात आज देखने को मिल रही है की सत्ता की लालच में और अपने आप को शर्मिंदगी से बचाने के लिए कांग्रेस कुछ भी कर सकती है इसी लिए यही हल आज भी देखने को मिल रहा है की बस सत्ता प्यारी है न इस देश की जनता जिस ने सत्ता पर बैठाया है और न अपने लोग जिन होने इस कांग्रेस को खड़ा किया बस और बस सत्ता और कुछ नहीं चाहिए ।   


Saturday, 27 October 2012

कल्याण की वापसी से भाजपा को फायदा या नुकसान ।


भाजपा के लिए कभी ज़हर उगलने वाले कल्याण सिंह आज कल भाजपा में वापसी की तेयारी कर रहे है।क्या कल्याण सिंह की वापसी से भाजपा को फायदा होगा, हां इतना ज़रूर है की लोधा जाती का वोट जरुर भाजपा के साथ जुड़ सकता है जो भाजपा से नाराज़ चल रहा था जब से कल्याण सिंह ने भाजपा से साथ छोड़ा था कल्याण सिंह के आने से मुस्लिम जो थोडा बहुत भाजपा से जुड़ा था वह तो बिलकुल अलग हो जायेगा क्यों की कल्याण ने मीडिया में कई बार ये बयां दे चुके है की मेने ही 1992 में बाबरी मस्जिद को तुडवाया था खुले आम इस घिनोने अपराध के कसीदे कसने वाले कल्याण आज एक बार फिर भाजपा के गुणगान करते हुए नज़र आरहे है भाजपा पार्टी को वेसे है देश की बाकि राजनीती पार्टियों ने साम्प्रदायिक ताकत बता रखा है और सोने पर सुहागा उस ताक़त को और मजबूती मिलने जा रही है कल्याण सिंह की वापसी से और फिर से भाजपा को मजबूत करने की बात हो रही है देश को चलने वाले राजनेता आज देश के हित को छोड़ कर क्यों जाती-धर्म की राजनीती बढावा दे रहे है हम कहते है हम 2025 तक भारत को विकसित देश की सूचि में शामिल कर देगे मगर क्या इन बातो से हम देश को विकसित देश बना सकेगे हम आज भी 50-100 साल पुरानी परम्पराव की बात करते है तो कल्याण सिंह अगर भाजपा में आते है और अगर भाजपा उन की वापसी करती है तो इस तरह और इस तरह की राजनीती से अपने आप को दूर रखना होगा और देश प्रदेश और समाज के लोगो के लिए सोचना होगा न ही एक वर्ग के लिए ।      

Friday, 26 October 2012

कांग्रेस दामाद बेगुनाहा साबित

जहाँ एक तरफ कांग्रेस सरकार गडकरी पर जाँच की सोच रही है ,वाही हरियाणा की कांग्रेस सरकार अपने दामाद यानि की कांग्रेस के दामाद ,सोनिया के दामाद को जमीन,और स्टाम्प ड्यूटी मामलो में बचाती बचा रही है , ये वाही मामला है जिसमें अशोक खेमका को रातो रात ट्रांसफर ऑर्डर मिलगये थे और उनको अपनी बात रखने के लिए मिडिया का सहारा लेना पड़ा था । मामले ने जादा ही तुल पकड़ा तो हरियाणा सरकार ने चार डिप्टी कमिश्नरों को मामले की जांच सौपी और इन्ही डिप्टी कमिश्नरों ने जाँच कर वाड्रा को इन सब मामलो से मुक्ति दे दी यानि की फेसला वाड्रा के पक्ष में आगया । ये पूरा मामला  पलवल , फरीदाबाद , गुडगाँव , और मेवात में कई एकड़ जमीन का सौदा में स्टाम्प कम लगाने का मामला सामने आया था । ये सरे आरोप अरविन्द केजरीवाल ने वाड्रा पर लगाये थे । अब जब वंडर को क्लीन चित मिल गयी है तो वंडर का कहना है की अरविन्द ने सस्ती पब्लिक सिटी कमाने के लिए ये सब काम क्या है।         

नरेंद मोदी का जलवा

 हर तरफ तेरा जलवा हर तरफ तेरा जलवा जी कुछ ऐसा ही है गुजरात विधान सभा के ऑपिनियन पोल का दावा और ये जलवा है नरेंद्र मोदी का है जो हेट -ट्रिक लगाने जा रहे है , ओपिनियन पोल यही दरसा रहे है की इस बार भी नरेन्द्र मोदी का मुख्य मंत्री बनना तय है ।180 सीटो वाली विधान सभा में 2007 के मुकावले इस बार भाजपा की सीट बढती दिखाई दे रही है भले ही पोल के मुताबिक वोट प्रतिशत कम रहेगा भाजपा का , पर सीटे बड़ने की उम्मीद है कांग्रेस को सीधा नुकसान होता दिखाई पड़ रहा है उसको यहाँ पर सीधे सीधे 11 सीटों का नुकसान होता दिखाई पड़ रहा है । भले है मोदी का जलवा कायम हो पर आज भी वह मुस्लिम मतदाताओ में आपनी पकड़ नहीं बना पाए है और मुस्लिम मतदाता मोदी से किनारा करते नज़र आरहे है । गुजरात के लोग मोदी को 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में देख रहे है मतदाताओ का कहना है की गुजरात का विकास मोदी के प्रधानमंत्री बने के बाद ही संभव है इसी लिए मोदी को अगला पीएम देखना चाहते है । जनता दिल से सोचती है इसी लिए ये भूल गए की प्रधान मंत्री की प्रदेश का नहीं पुरे देश का होता है और वह पुरे देश के बारे में सोचता है हा ये जरुर कह सकते है की अपना घर सब को प्यारा होता है ।   

Monday, 22 October 2012

रोमांश से भरे हुए थे यश चोपड़ा


अगर आज किसी से पूछो तो की तुम्हारे पास क्या है तो ज्यादा तर लोगो के मुहं से केवल और केवल के ही बात निकलेगी की मेरे पास माँ है, यह संबाद को देने वाले और रोमांश की दुनिया में आपनी अलग छाप छोड़ने वाले यश चोपड़ा आज इस दुनिया में नहीं रहे । अपने सदाबहार जीवन में हमेश अलग अंदाज में लोगो के सामने अपनी बेहतरीन कला को जनता के सामने रखा और सब से बड़ी बात ये की उन्होनो ने हमेश युवाओं की नब्ज पर हाथ रखे रखा और जेसे जेसे जमाना बदलता गया लोगो के सामने उसी अंदाज में फिल्मो को जनता के सामने पेश किया । और न जाने कितने किरदारों को परदे पर पेश कर उन को उस किरदार के नाम से मशहूर किया , राजेश खन्ना को नए अंदाज में पेश किया, अमिताभ की ऐंग्री यंगमैन की इमेज को उभारा , हिंदी फिल्मो में अपने आप को रोमांस की एक मिसाल के रूप में पेश किया । 
यश चोपड़ा ने अपने निर्देशन में 22 फिल्में का निर्माण किया । उनकी सब से पहली फिल्म 'धूल का फूल' से लेकर दिसम्बर रिलीज होने होने वाली 'जब तक है जान' तक के सफ़र में जितनी भी फिल्म बनाई वह एक से बड कर एक थी और हर फिल्म की कहानी हम से कुछ कह कर जाती थी , यही कारण है जो आज उन को और उनकी यादो को हम नहीं भुला पाएगे 
सिलसिला' फिल्माए गए रोमांटिक गीत 'देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए' में स्विट्जरलैंड की वादियों को यश चोपड़ा ने इतनी खूबसूरती से पेश किया कि स्विट्जरलैंड ने उन्हें न केवल अपना सांस्कृतिक दूत घोषित किया, बल्कि वहां एक रेलवे स्टेशन को उनका नाम देकर उन्हें सम्मानित किया। भारत में सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान 'दादा साहेब फाल्के पुरस्कार' से भी उन्हें नवाजा गया।


Thursday, 18 October 2012

गुजरात में बिहारी नहीं करेगे चुनाव प्रचार

गुजरात में दो माह बाद विधानसभा के चुनाव होने वाले है , चुनाव के प्रचार के लिए चुनाव आयोग को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से चुनाव प्रचारको की लिस्ट सोप दी गयी है ,देखने वाली बात ये है की इस लिस्ट में किसी भी मुस्लिम नेता का नाम नहीं है और सब से बड़ी बात ये है की  इस विधानसभा चुनाव में मोदी बनाम नितीश लड़ाई का असर साफ दिखाई पड़ रहा है।विधान सभा चुनवो में चुनाव प्रचार के लिए किसी भी बिहार के नेता का नाम चुनाव प्रचारको वाली लिस्ट में नहीं है । यानि की मोदी और नितीश की लड़ाई अब भी साफ दिखाई पड रही है या मोदी बिहार के हर नेता को नितीश मानते है क्यों की पेचले चुनाव में नितीश अड़ गए थे और मोदी चुनाव के लिए बिहार चुनाव प्रचार में नहीं आसके थे।  राजनीती भी क्या क्या करा देती है जहा समाज को सुधारे की बात होती है वहा आज कल सरे छोटे बड़े नेता -राजनेता एक नयी लड़ाई को जन्म दे रहे है की तू बिहारी है , में मराठा तुम उत्तर भारतीय हो में गुजरती ये केसी लड़ाई है देश को चलने ओर देश को आगे बढाने की जगह ये लोग देश के अन्दर नहीं लड़ाई को जन्म दे रहे है । 

Wednesday, 17 October 2012

दलितों पर यादवों की दबंगी

सम्भल :- जिले के बहजोई थाना इलाके के किसोली गाँव में दलितों पर यादव की दबंगी इतनी ज्यादा बड गयी है की अब तक पिछले एक हफ्ते में 18 परिवार गाँव छोड़ कर चले गए है , नेताओ के दबाब के चलते प्रशासनिक   अफसर भी कोई कदम उठाने से डर रहे है अधिकारी किसी कार्यवाही करने की जगह केवल मुंह - जवानी सुरक्षा का  आश्वासन ही मिल रहा है , दलित बस्तियों में सन्नाटा पसरा हुआ है । राजनीती अब देश प्रदेश के हित की नहीं अपनी अपनी जातियों के हित की या धर्म  की राजनीती रहगयी है या इस बात की स्पर्धा है सारी  राजनीती पार्टियों में की कोन सत्ता को हासिल करे और देश को कोन ज्यादा लुट के खा सकता है । सूबे के मुख्या मंत्री शायद कभी न तो अख़बार पड़ते है और शायद ना कभी समाचार देखते है अगर शायद देखते तो जरुर कोई न कोई ठोस कदम जरुर उठाते शासन और प्रशासन पर मुख्या मंत्री अखिलेश यादव की पकड़ ढीले होती दिखाई दे रही है या साफ लफ्जो में कह सकते है की मुख्या मंत्री का कोई नियंत्रण ही नहीं  रहा है प्रदेश पर इन दलितों को न्याय दिलाने के लिए जाती धर्म की राजनीती छोड़ कर इन की मद्दत के लिए सब को आगे आना चाहिए । क्यों की इस देश में सब को बराबर का हक है । 

Tuesday, 16 October 2012

अशोक खेमका को हरीश रावत ने दे नसीहत




एक अधिकारी की ईमानदारी से काम करने की सजा क्या होती है ये हम सब को पता है ट्रांसफर या सरकार और सरकार के मंत्रियो के तरफ से उस अधिकारी को परेशान किया जाता है ,और एक दिन एसा आता है जब वह इन सब से पक जाता है तो वह उस नोकरी से इस्तीफा दे देता है या मोत  को गले लगा लेता है वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का भी गुनहा बस इतना है की उन्होंने ने अपने कम को ईमानदारी से किया और तुरंत ट्रांसफर और अपनी बात को सही साबित करने पर मिल रही है धमकिया एक टी वी चेनल पर केंद्र सरकार में मंत्री हरीश रावत ने भी कहा की राज्य सरकार जरुर पूछेगी की ये बात मिडिया तक केसे पहुची जबकि उनके मित्र और जानेमाने वकील अनुपम गुप्ता ने भी बताया की उन को अशोक खेमका को जनसे मरे की धमकिया  मिल रही है ये पूरा मामला हरियाणा के चार जिलों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के सभी जमीन सौदों में जांच का आदेश दिए जाने के मद्देनजर खेमका को रजिस्ट्रेशन महानिरीक्षक पद से हटा दिया गया था। उन्होंने कहा है की ये उनकी ईमानदारी का इनाम है हरीश रावत ने उन को नसीहत भी दे की आप की क्या सीमा है और अधिकारी को टीवी चेनल पर इस तरह की बात नहीं करनी चहिये अपनी हद में रहकर बात कहनी चहिये

ईमानदारी का तोफा 21 साल 43 ट्रांसफर

आज के डोर में किसी अधिकारी को उस की ईमानदारी का कुछ इनाम दिया जाता है तो वह है उस का ट्रांसफर 
इस देश में कम करने वाले अधिकारियो के बारे में अगर आप को जानना है की वह कितनी ईमानदारी से काम  करते है इस की जानकारी के लिए आप कोई आई .टी आर मागगे तो शायद आप को जबाब न मिले ,पर आप ये पूछते है की इस अधिकरी का कितने कार्य कल में कितनी बार ट्रासफर हुआ तो आप को उस की ईमानदारी का पता चल जायेगा । जी हा ये बिलकुल सच  है आज सुबह से हरियाणा सरकार का एक आई ए एस अधिकारी जिस को अपनी बात कहने के लिए मिडिया का सहारा लेना पड़ा उस का कसूर बस इतना था की उस ने बड़ी ईमानदारी से 21 साल से कार्य किया और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दामाद के खिलाफ एक भूमि के मामले में कार्यवाही शुरू की नतीजा ये निकला की उन का ट्रासफर कर दिया गया जबकि नियम के अनुसार जो भी अधिकारी उस पद पर रहेगा वह कम से कम उस पद पर 2 साल तक कार्य करेगा सरे नियमो को तक पर रखदिया गया क्यों की मामला सोनिया गाँधी के दामाद का मामला था और हरियाने में सरकार भी कांग्रेस की है अशोक खेमका  एक बारिस्ट अधिकारी है आप उन की ईमानदारी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हो की 21 साल के कार्यकाल में उनका 43 बार ट्रांसफर हो चूका है आज मीडिया के सामने ने खुलकर इस सिस्टम को कोसा उन्होंने साफ लाब्जो में कहा की जो मेरा जमीर मुझसे कहे गा में वाही कम करुगा और पूरी ईमानदारी से करुगा चाहे सरकार इस कम से खुश न हो वह मुझे टर्मिनेट कर दे ,या खुले आम गोली मरवा दे लेकिन में अपना कम ईमानदारी से करुगा । में अशोक खेमका और उन के इस जज्बे को सलाम करता हु जो आज खुल कर सामने आये इस सिस्टम के इन भ्रष्ट सरकारों के जो हमेसा अपने फायदे के लिए अशोक जेसे अधिकारियो को उन कम ईमानदारी से नहीं कर ने देते और इस देश के सभी अधिकारियो को अशोक खेमका जी से सीख लेनी चाहिए की अपना कम ईमानदारी से करना चाहिए किसी के दवाब में काम नहीं करना चाहिए।

Monday, 15 October 2012

सोनिया गाँधी मम्मी ये लोग मेरी कुर्सी छीन रहे है


जिस प्रकार छोटे बच्चा जिद करता है आज कल हमारे नेता जिद कर रहे है। और मनो कोई बच्चा अपनी मामी से कह रहा हो की मम्मी की नहीं ये सरे इलज़ाम गलत है ,देश का हर व्यक्ति यही कह रहा है की अब तो शर्म करो और अपनी इज्जत बचानी है तो अपने पद से इस्तीफा दे दो पर नहीं सलमान खुर्शीद अब भी छोटे बच्चे के तरह जिद पकड़ कर बेठे है नहीं कुछ भी हो जय में कुर्सी नहीं छोड़ूगा जेसे कही से आवाज़ आरही हो सोनिया मम्मी देखो ये लोग मेरी कुर्सी छीने की कोशिश कर रहे है । ये हल है देश के नेताओ का जो गलती करने पर भी यही कहते है की मेने कोई गलती नहीं की है हम को इस मामले में फसाया जा रहा है , इन को किसी बात से मतलब नहीं है केवल और केवल कुर्सी से प्रेम हो हाय हाय कुर्सी ये कुर्सी ये केसी सत्ता है जिस का लालच इतना ज्यदा  होता है अरविन्द केजरीवाल ने सच में सलमान खुर्शीद को वह पटखनी दी है तभी तो वह कह रहे है की अरविन्द को तो में देख लुगा । हर हम आदमी या हर व्यक्ति बस यही सोच बना ले की गलत कम करने वाले को सबक सिखा के ही रहूगा तो ये लोग शायद अपनी आदतों में सुधार ले आये , अरविन्द की ये शुरुवात देश में ज़रूर नहीं क्रांति ले कर आये गी और हम को भी अरविन्द का खुल के साथ देना चाहिए अरविन्द केजरीवाल ने अपनी नयी पार्टी बनायीं है , अगले लोक सभा में चुनाव लड़ने का भी फेसला किया है । देखते है की जनता अरविन्द का साथ कितना देती है जिस तरह अरविन्द ने कांग्रेस के कलई खोली है कांग्रेस के सभी नेता, मंत्री अब यही इंतजार कर रहे है ही की अब किस की बरी है हर पार्टी अब यही सोच रही होगी की सता में आने के बाद गलत कम नहीं करना नहीं तो अरविन्द कजरी वाल आजायेगा ।   

Tuesday, 18 September 2012

मुख्यमंत्री अखिलेश की चाय.... ?



महगाई को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कोई खास कदम नहीं उठा रही , जहा पुरे भारत में केंद्र सरकार की तरफ से ६ गेस सिलेंडर सब्सिडी के मिलेगे और ६ बिना सब्सिडी के सरकार को इस से कोई फरक नहीं पड़ता  है क्यों की सरकार और सरकार के सरकारी विभागों के मुखिया का इस पर कोई असर नहीं पड़ता है आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते है की जहा आम आदमी को एक महीने में एक सिलेंडर मिलेगा और ६ महीने में ६ सिलेंडर मिलेगे वही उत्तर प्रदेश सरकार को खुली छुट है है चाहे एक दिन में सही या एक महीने में जितने चाहे सिलेंडर जला सकते हो लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश अकेले चाय पीने में ही आठ सिलेंडर हजम कर जाते हैं।

यूपी के नेता और आला अफसर ऐसे सिलेंडरों पर धड़ल्ले से मौज कर रहे हैं। उनके स्टोर में हर महीने सैकड़ों एलपीजी सिलेंडर खप रहे हैं। यह कोई नहीं जानता कि इन सिलेंडरों का इस्तेमाल सरकारी कार्यालयों में होता है या यह नेताओं के घरों में खाना बनाने के काम आते हैं।
गैस एजेंसियों के ट्रासपेरेंसी पोर्टल के जरिए यह हकीकत सामने आई है। इंडेन गैस के पोर्टल से पता चला कि कई सरकारी विभागों के मुखिया के नाम पर 14 से 20 गैस कनेक्शन दर्ज हैं। ऊपर से इन पर सरकार लाखों रुपये की सब्सिडी भी दे रही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की बात की जाए तो यहा बनने वाली चाय पर पिछले चार महीने में 34 सिलेंडर यानी हर महीने करीब 8 सिलेंडर खर्च हो गए। वहीं सचिवालय में चार महीने में 24 और विधान सभा में 75 सिलेंडरों की खपत हुई। यूपी के मुख्य सचिव के कैंप कार्यालय में पिछले चार महीनों में 77 सिलेंडर खर्च हुए। राज्यपाल के नाम पर एक अप्रैल से 24 अगस्त के बीच 24 सिलेंडर इश्यू किए गए, जबकि गवर्नर के सचिव के नाम पर इन्हीं चार महीनों के दौरान 30 सिलेंडर जारी किए गए। तो सही बात है गरीबी और महगाई का असर इन पर नहीं आम जनता पर ही होता है इन के लिए सरकार आये या नहीं इन पर किसी भी बात का असर नहीं होता है , बड़ते दामो को लेकर जहा एक तरफ ममता बेनर्जी ने केंद्र सरकार से अपना समर्थन बापस ले लिया हो लेकिन ये उत्तर प्रदेश की सरकार आज भी केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंध मिला कर चल रही है इन को जनता का नहीं अपना घर दिखाई देता है बस |

Monday, 17 September 2012

ममता बेनर्जी के सामने नतमस्तक केंद्र सरकार

केंद्र सरकार एक बार अपनी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के तीखे तेवरों को देखते हुए इन के आगे नतमस्तक होती दिखाई पड़ रही है ,ऐसा पहली बार नहीं हो रहा ये सब देख कर तो ये लगता है कि सरकार को सोनिया ,मनमोहन नहीं ममता बेनर्जी चला रही हो | लगे क्यों ना कियो कि कोई भी मामला हो ममता बेनर्जी अपना रुख साफ करदेती है कि ये बात सही नहीं है या ये काम इस तरह से होना चाहिए और बेचारी यूपीए सरकार जो दुसरो के कंठो पर टिकी हुई है अपना रुख कुछ नरम कर लेती है । तो बताइए कि सरकार कोन चला रहा है ममता बेनर्जी यानि कि तृणमूल कांग्रेस सही जबाब | पर ये ममता का रुख जनता के हित में है अगर यही रुख रहा तो जनता को काम से काम एक चीज में तो रहत मिल ही जायेगी ,और सरकार सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडरों की संख्या बढ़ाकर कुछ राहत देने पर विचार कर सकती है, लेकिन डीजल के रेट घटने की संभावना कम है। हालांकि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने साफ कहा है कि सरकार एलपीजी, डीजल और एफडीआई पर अपने कदम वापस नहीं लेगी ।इस पर कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि जिस तरह हम सबकी मजबूरियां और हालात समझते हैं, उसी तरह उन्हें भी हमारे हालात समझने चाहिए। 
आर्थिक सुधारों पर सहयोगियों को साथ लाने के लिए कांग्रेस और सरकार कई स्तरों पर बातचीत कर रही है। कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद ममता से बात करके उन्हें सरकार में सहयोग जारी रखने के लिए कह सकते हैं। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तृणमूल के अल्टिमेटम के मद्देनजर पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ चर्चा की। कांग्रेस को लगता है कि फिलहाल कोई भी पार्टी सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहेगी।ममता के एक बार से ही केंद्र सरकार सकते में आजाती है और पूरा यूपीऐ ममता कि बात पर विचार विमर्श करने को टायर हो जाती है   

Monday, 10 September 2012

काला धन विदेशो में या हमारे मंदिरों में


आज देश में चारो तरफ भ्रष्टाचार और काले धन कि चर्चा जोरो पर है अन्ना हजारे और उन कि टीम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे है तो बाबा रामदेव काले धन के खिलाफ मुहीम छेड़े हुए है |
पर किया सच में देश का पैसा काले धन के रूप में विदेशो में जमा है अगर हा तो देश के मंदिरों में जो गुप्त दान किये जाते है वह किया है , वह क्या सफेद पैसा है वह भी तो काला धन है जो मंदिरों में गुप्त रूप से छोड़ दिया जाता है और मंदिरों के इस चड्बो कि चर्चा मीडिया में बड़े जोरो पर होती है बड़ी बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ में इस का प्रिमो चलाया जाता है | तो इस का मतलब ये हुआ जो काला धन विदेशो में है उस से ज्यदा काला धन हमरे मंदिरों में है उस काले धन पर कोन राज़ कर रहा है या देश विदेशों में भगवन के नाम पर प्रवचन करते है और एक एक प्रवचन के लाखो कि फ़ीस लेते है और जब यह खुँद भगवन को पियारे होते है तो अरबो खरबों कि सम्पति इन के पास पाई जाती है तो क्या इन के पास जो पैसा आता है सब सफेद पैसा होता है | देखा जाय तो यह एक माध्यम है काले पेसे को सफेद करने का और इन  मंदिरों में जो जमा सोना चांदी और पैसा है इस का आकलन किया जाय तो शायद ये पैसा विदेशों में जमा काले धन से भी ज्यादा बेठेगा ,पर क्या कर ये सिस्टम ही ऐसा है और आज कल इस का फायदा उठा कर लोग भगवन के नाम पर काले धन को सफेद कर रहे है | यही तो भगवान कि क्रपा है कि एक रुपया देगे वह दस लाख देगा | 



Friday, 7 September 2012

ऐसे होगा विकास भारत का

 देखो हिन्दुस्तानियों ,,, हमारी साबरमती के उपर खड़े एक पुल का नजारा ,,,,,, जो सिर्फ एक हिस्सा है,,,,मोदी साहब केसपने समान रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट का,,,,,जो साबरमती आज से दस साल पहले अपनी दोनों और की गन्दगी और जुपडपट्टी के कारन गंदे नाले में तब्दील होने जा रही थी ,,,,वही साबरमति को आज मोदी साहब ने नदियों की रानी जैसा रूप दे दियासिर्फ दस साल में,,,,इसे कहते है विकास

दस साल पहले सड़क दुर्घटना में मरने
ालो की जो तादाद थी उस में भारी गिरावट आयी है आज ,,,,,मोदी साहब की १०८ इमर्जन्सी की वजह से आज तक १००००० से भी ज्यादा लोगो की जाने बची है ,,,और दूर दराज के गाँवमें वक़्त पर १०८पहुँचने की वजह से १५००००० औरतो की सलामत प्रसूति हुई है,,,और १५००००० बच्चो को एक जीवनमिला ,,,,,,,,,,,,,, से कहते है विकास.
कांग्रेशियो की चोर नीतियों के कारन पुरे देश में एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट मात्र .% है ,,,वही गुजरात का ग्रोथ रेट १०. % है आज,,,,,,,,,इसे कहते है विकास .
आज से दस साल पहले गुजरात के किसानो की आम्दिनी १४००० करोड़ थी ,,,,वोह % बढ़कर ९६००० जीहां छियानवे हज़ार करोड़ हो चुकी है आज,,,,,,,,,,इसे कहते है विकास .
खेती लायक ज़मीन जो १०६ लाख हेक्टर थी वोह भीबढ़ कर १४५ लाख हेक्टर हो गयी हैआज,,,,,,,,इसे कहते है विकास.
डेल्ही के सांसदों के घर में भी आज इनवर्टर से काम चलाना पड़ता है,,,,और गुजरात केगाँव भी २४ घंटा बिजली से रोशन होचुके है आज ,,,फिर भी सर प्लस बिजलीहै गुजरात के पास,,,,किसी कांग्रेशी दुखियारे राज्य को मदद करने के लिए,,,,,,,,,,,, इसे कहते है विकास
अब आप ही सोचलों हिंदुस्तान को भी ऐसा विक्सित करना है ,,,या करनाहै हवाले बंगलादेशी घुस पेठियो के,,,,, मोदी लाओ देश बचाओ