उत्तर प्रदेश की सरकार एक के बाद एक मंत्रियों को पार्टी और सरकार से बहार का रास्ता दिखा रही है इन सब मंत्रियों का भ्रष्टाचार आज से पहले क्या मुख्यमंत्री नज़र नहीं आ रहा था जो आज सरे मंत्री भ्रष्ट नज़र आ रहे है किया ये सब पार्टी विरोधी हो गए या भ्रष्ट पता नहीं पर लगता है की जयादा तर मंत्री अपना टिकेट काटने की बजह से नाराज हो कर पार्टी की गतिविधियों में शामिल नहीं हो रहे थे हरदोई की नरेश अग्रवाल भी अपने बेटे का टिकेट कटे जाने की वजह से सा.पा में फिर से वापस चले गये है डी.पी यादव भी आज़म खा से मुलाकात कर सा. पा. में जाने की तयारी कर रहे है कल फिर वन मंत्री फतेह बहादुर सिंह, प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री, सदल प्रसाद, अल्पसंख्यक कल्याण एवं हज राज्यमंत्री अनीस अहमद खां उर्फ फूल बाबू तथा मुस्लिम वक्फ राज्यमंत्री शहजिल इस्लाम अंसारी को बर्खास्त करते हुए आगामी विधानसभा के चुनाव के लिए उनके टिकट काट दिये गये हैं। यह जानकारी बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने शुक्रवार यहां दी।
उन्होंने बताया कि इन मंत्रियों को मंत्रिमण्डल की सदस्यता से भी पदमुक्त कर दिया गया है ताकि ये मंत्रिगण विधानसभा चुनाव के दौरान अपने पद का दुरूपयोग न कर सकें और लोगों पर अनावश्यक दबाव न डाल सकें। उन्होंने बताया कि इन मंत्रियों के खिलाफ जन समस्याओं पर ध्यान न देने और क्षेत्रकी घोर उपेक्षा करने की भी शिकायतें थी। जनता की कठिनाइयों की अनदेखी करने और पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने के कारण इनके प्रति लोगों में काफी असंतोष भी था। गौरतलब है कि एक सप्ताह में मायावती ने दस मंत्रियों को बर्खास्त किया है। यही होता है जब पार्टी अपनों को भूल कर बहार से आये लोगो को जयादा महतब देने लगती है और और पार्टी के बफादार सिपाहियों को भूल जाती है
उन्होंने बताया कि इन मंत्रियों को मंत्रिमण्डल की सदस्यता से भी पदमुक्त कर दिया गया है ताकि ये मंत्रिगण विधानसभा चुनाव के दौरान अपने पद का दुरूपयोग न कर सकें और लोगों पर अनावश्यक दबाव न डाल सकें। उन्होंने बताया कि इन मंत्रियों के खिलाफ जन समस्याओं पर ध्यान न देने और क्षेत्रकी घोर उपेक्षा करने की भी शिकायतें थी। जनता की कठिनाइयों की अनदेखी करने और पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने के कारण इनके प्रति लोगों में काफी असंतोष भी था। गौरतलब है कि एक सप्ताह में मायावती ने दस मंत्रियों को बर्खास्त किया है। यही होता है जब पार्टी अपनों को भूल कर बहार से आये लोगो को जयादा महतब देने लगती है और और पार्टी के बफादार सिपाहियों को भूल जाती है












































